कौशाम्बी : कौशाम्बी जिले के बहुचर्चित प्रकरण में अब एक नया मोड़ आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अब स्थानीय SIT (Special Investigation Team) को सौंप दी गई है। SIT का नेतृत्व क्षेत्राधिकारी सिराथू कर रहे हैं।

मामला तब सुर्खियों में आया था जब एक निर्दोष युवक पर पास्को और बलात्कार जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया, जबकि जांच में इन आरोपों का कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला। युवक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उसे राजनीतिक दबाव में फंसाया गया है।

इसी केस में बेकसूर युवक के पिता रामबाबू तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इसे साजिशन हत्या करार दिया।

पुलिस ने इस मामले में गांव के प्रधान को मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हत्या का मुकदमा दर्ज हो चुका है और SIT अब दोनों ही मामलों की परतें खोलने में जुटी है – एक ओर फर्जी पास्को केस, दूसरी ओर एक बेकसूर पिता की मौत।

पुलिस सूत्रों की मानें तो पास्को एक्ट के तहत कोई मेडिकल या प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिले, जिससे मामला पूरी तरह फर्जी प्रतीत हो रहा है।

SIT अब यह जांच करेगी कि आखिर किन कारणों से निर्दोष युवक को झूठे केस में फंसाया गया और इसके पीछे किन लोगों की मिलीभगत थी। पुलिस द्वारा जल्द ही कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।

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