प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को ‘विकसित यूपी’ बनाने का जो अभियान शुरू किया है, वह अब एक जन आंदोलन बनता जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस अभियान में ग्रामीण युवाओं ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया है। पहली बार गांवों से इतनी बड़ी संख्या में युवा प्रदेश के विकास के हर पहलू पर अपनी राय दे रहे हैं। सरकार के पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक करीब 25 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें से लगभग 19.5 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब 5.5 लाख शहरी क्षेत्रों से आए हैं। यानी, शहरों से कहीं अधिक सक्रिय हैं यूपी के गांवों के युवा, जो अपने सुझावों से ‘विकसित यूपी’ के ब्लूप्रिंट को आकार दे रहे हैं।

गांवों से उठी विकास की नई आवाज़

गांवों के युवाओं का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की गति तेज हुई है और वे इस परिवर्तन का हिस्सा बनना चाहते हैं। हरदोई के सौरभ सिंह कहते हैं कि अब गांवों में भी खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। हर पंचायत में खेल मैदान और डिजिटल लाइब्रेरी जरूरी हैं। सीतापुर के योगेश कुमार का कहना है कि हर गांव तक इंटरनेट और अच्छी शिक्षा पहुंचे। तभी गांवों का युवा शहरों से मुकाबला कर सकेगा। जौनपुर की पूजा त्रिपाठी का कहना है कि गांवों में लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा और सुरक्षा के इंतजाम बेहतर हों। योगी सरकार ने जो शुरुआत की है, उसे आगे बढ़ाना चाहिए। महराजगंज के किसान युवक अमन चौधरी कहते हैं कि खेती में तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है। हर ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज और डिजिटल मंडी बने ताकि फसल का सही दाम मिले। वाराणसी के प्रवीण सिंह का सुझाव है कि युवाओं को स्टार्टअप्स के लिए आसान लोन और तकनीकी मार्गदर्शन मिले। अब गांवों में भी इनोवेशन की लहर है।

शिक्षा और कृषि सबसे आगे, ग्रामीण युवाओं की प्राथमिकता साफ

अभियान के तहत अब तक मिले 7.5 लाख सुझाव शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं। ग्रामीण युवाओं ने स्कूलों में गुणवत्ता, डिजिटल सुविधाओं और शिक्षकों की जिम्मेदारी को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। आगरा के राकेश कुमार सोनी ने कहा है कि अगर अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं तो व्यवस्था खुद सुधर जाएगी। सरकारी स्कूलों को सबके लिए अनिवार्य किया जाए। कृषि क्षेत्र से 6 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें तकनीकी खेती, AI आधारित फसल प्रबंधन, ड्रिप इरिगेशन, कोल्ड स्टोरेज और किसान ड्रोन जैसे विषय प्रमुख हैं। अयोध्या के युवा किसान मनोज तिवारी का कहना है कि कृषि को स्मार्ट बनाना ही विकसित यूपी की असली पहचान होगी।

खेल, स्वास्थ्य और इंटरनेट पर भी जोर

कन्नौज के विवेक मिश्रा ने कहा है कि हर गांव में जिम और खेल प्रशिक्षण केंद्र बनें। ग्रामीण प्रतिभाओं को जिला स्तर तक प्लेटफॉर्म मिले। बस्ती के आकाश यादव ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुझाव दिया कि हर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को डिजिटल हेल्थ नेटवर्क से जोड़ा जाए। गोंडा की ममता वर्मा ने कहा है कि महिलाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ें, तभी गांवों में आत्मनिर्भरता आएगी।

युवाओं को योगी आदित्यनाथ में दिख रही नई आशा

ग्रामीण युवाओं का विश्वास साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जो पारदर्शिता, सुशासन और विकास की गति दी है, वह उन्हें अपनी बात खुलकर रखने की हिम्मत देती है। लंदन में हाल ही में ‘विकसित यूपी 2047’ का लोगो लॉन्च हुआ, जहां एनआरआई समुदाय ने भी योगी के विज़न की सराहना की। यूके, दुबई और अमेरिका के प्रवासी भारतीयों ने भी इस अभियान में सुझाव भेजे हैं, जिससे ये पहल अब वैश्विक स्वरूप ले चुकी है।

युवाओं के सुझाव, सरकार के लिए दिशा

सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के युवाओं से मिले इन सुझावों का अध्ययन कर सरकार उन्हें भविष्य की विकास नीतियों में शामिल करेगी। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश का ग्रामीण युवा सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि ‘नीति निर्माता’ की भूमिका में नजर आ रहा है। नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह जनभागीदारी आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को ‘विकसित भारत’ के मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगी। आज का ग्रामीण युवा सिर्फ रोज़गार नहीं, ‘सार्थक विकास’ चाहता है। उसे योगी आदित्यनाथ में वह नेतृत्व दिख रहा है जो उसकी आकांक्षाओं को दिशा दे सके। गांव से निकली यह आवाज़ अब केवल सुझाव नहीं, बल्कि नए उत्तर प्रदेश की नींव का पत्थर बन चुकी है।

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