F-35 Fighter Jet Crash. अमेरिका की सैन्य शक्ति के प्रतीक माने जाने वाले एफ-35 फाइटर जेट का एक और क्रैश अमेरिका के लिए चिंता का सबब बन गया है। कैलिफोर्निया के नेवल एयर स्टेशन लेमूर (Naval Air Station Lemoore) के पास नौसेना का एक अत्याधुनिक F-35 स्टील्थ फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गनीमत यह रही कि पायलट समय रहते इजेक्ट कर गया और उसकी जान बच गई। हादसे के बाद अमेरिकी नौसेना ने इस पूरे मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है।
क्या हुआ था हादसे के वक्त?
यह हादसा उस समय हुआ जब नौसेना की VF-125 ‘Rough Raiders’ स्क्वाड्रन का F-35 जेट प्रशिक्षण उड़ान पर था। यह स्क्वाड्रन विशेष रूप से पायलटों को उच्च स्तरीय युद्ध अभ्यास और एयरबेस ऑपरेशन की ट्रेनिंग देने के लिए बनाया गया है। हादसे के तुरंत बाद पायलट ने आपातकालीन इजेक्शन सिस्टम का उपयोग किया, जिससे वह गंभीर चोटों से बच गया।अधिकारियों के अनुसार, पायलट को तुरंत पास के मेडिकल सेंटर में इलाज के लिए लाया गया और अब वह पूरी तरह से खतरे से बाहर है।
हादसे के कारणों की जांच शुरू
नेवी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दुर्घटना के पीछे के संभावित कारणों की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शुरुआती अनुमान तकनीकी गड़बड़ी या प्रशिक्षण संबंधी चूक की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही लगाया जा सकेगा। नेवी प्रवक्ता के मुताबिक, F-35 का क्रैश सामान्य घटना नहीं है। ऐसे विमानों के साथ सुरक्षा मानक उच्चतम स्तर पर होते हैं।
कितना खास है F-35 लड़ाकू विमान?
F-35 फाइटर जेट को दुनिया के सबसे आधुनिक युद्धक विमानों में गिना जाता है। इसमें मौजूद तकनीकें जैसे-
- स्टील्थ फीचर्स (रडार से बच निकलने की क्षमता)
- एडवांस्ड एवियॉनिक्स और सेंसर सिस्टम
- मल्टीरोल क्षमता—हवा से हवा और हवा से ज़मीन तक हमले
- नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम
इसे आधुनिक युद्ध के लिए आदर्श बनाते हैं। ऐसे में इसका दुर्घटनाग्रस्त होना टेक्निकल और सामरिक दोनों ही दृष्टिकोणों से गंभीर माना जा रहा है।
क्या स्थानीय लोगों को नुकसान हुआ?
जहां यह हादसा हुआ वह क्षेत्र सैन्य नियंत्रण में है और रिहायशी इलाका दूर स्थित था। इसलिए जमीन पर किसी तरह की जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। इसके बावजूद एयरबेस के चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा और निगरानी का इंतज़ाम कर दिया गया है।
नौसेना की तत्परता से बची बड़ी दुर्घटना
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नौसेना और उसके पायलट किस हद तक सतर्क और प्रशिक्षित हैं। जिस तेजी और कुशलता से पायलट ने आपातकालीन कदम उठाए और जिस तत्परता से रेस्क्यू टीम ने काम किया, उसने एक संभावित बड़े हादसे को टाल दिया। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि F-35 जैसी मशीनों की दुर्घटना से तकनीकी क्षेत्र में कई सवाल खड़े होते हैं, और यही कारण है कि अमेरिका ने इसकी जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।