वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत भारत के कृषि निर्यात के लिए शानदार रही है। अप्रैल-मई 2025 के दौरान भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 8% बढ़कर 4.16 अरब डॉलर पहुंच गया है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली DGCI&S (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स) द्वारा दी गई।

चावल निर्यात में स्थिर मजबूती

भारत की सबसे बड़ी कृषि निर्यात वस्तु – चावल – ने इस ग्रोथ में प्रमुख भूमिका निभाई। बासमती और नॉन-बासमती चावल का निर्यात अप्रैल-मई में 4.7% बढ़कर 2.04 अरब डॉलर हो गया। FY25 में भारत ने रिकॉर्ड 12.47 अरब डॉलर का चावल निर्यात किया था, जो 2023-24 के मुकाबले 20% अधिक था।

हालांकि, ईरान-इज़राइल संघर्ष को लेकर निर्यातकों में चिंता है क्योंकि ईरान भारत के बासमती चावल का बड़ा खरीदार है। सरकार ने सितंबर 2024 से चावल पर लगाए गए सभी निर्यात प्रतिबंध हटा लिए हैं, जिससे निर्यात को फिर से रफ्तार मिली है।

मांस और डेयरी उत्पादों में उछाल

भैंस के मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात 16% बढ़कर 0.81 अरब डॉलर रहा। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा भैंस मांस निर्यातक बन गया है। मुख्य बाजार: वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इराक, सऊदी अरब और UAEAPEDA द्वारा प्रमाणित मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स ने इस निर्यात को और मज़बूती दी है।

फल-सब्जियों और प्रोसेस्ड फूड्स की मांग बढ़ी

फलों और सब्जियों का निर्यात भी 16% बढ़कर 0.69 अरब डॉलर पहुंच गया है। केले, आम, प्रोसेस्ड फ्रूट जूस, बीज और सब्जी उत्पादों की वैश्विक मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। APEDA के अनुसार, 2024-25 में इसके अंतर्गत आने वाले उत्पादों का कुल निर्यात 12% बढ़कर 25.14 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

एग्री-एक्सपोर्ट में APEDA की हिस्सेदारी

कुल कृषि निर्यात का 51% हिस्सा APEDA के उत्पादों से आता है। बाकी में शामिल हैं: मरीन प्रोडक्ट्स, कॉफी, चाय और तंबाकू।

भारत का कृषि निर्यात न सिर्फ देश के किसानों और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए वरदान साबित हो रहा है, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूत कर रहा है। अगर इस साल मानसून सामान्य रहता है, तो चावल सहित अन्य कृषि उत्पादों में निर्यात का नया रिकॉर्ड बनना तय है।

हालांकि, भू-राजनीतिक हालात, जैसे ईरान-इज़राइल संघर्ष, कुछ बाजारों में अनिश्चितता ला सकते हैं, इसलिए डायवर्सिफाइड मार्केट स्ट्रैटेजी की जरूरत है।

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