कुकरैल नदी के किनारे साढ़े चार किलोमीटर की दूरी में हरियाली होगी। इसमें अकबर नगर प्रथम एवं द्वितीय के अवैध अतिक्रमण ध्वस्त करके कब्जा मुक्त करायी गयी लगभग 25 एकड़ भूमि पर सौमित्र वन और शक्ति वन विकसित किये जाएंगे, जिसमें प्राणवायु देने वाले पेड़ों की श्रंखला होगी। मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब ने मंगलवार को अयोध्या रोड के किनारे कुकरैल नदी की भूमि का निरीक्षण करके अधिकारियों को ग्रीन बेल्ट विकसित करने के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह व प्रभागीय वन अधिकारी शितांशु पाण्डेय समेत अन्य अधिकारी व अभियंता उपस्थित रहे।

अकबर नगर में ध्वस्त किये गये अवैध निर्माण का मलबा एलडीए द्वारा हटवाया जा रहा है। इस सम्बंध में मण्डलायुक्त ने निर्देशित किया कि पोकलेन, हैमर मशीन व डम्पर आदि की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए मलबा निस्तारण के कार्य में तेजी लायी जाए, जिसके तहत सबसे पहले अकबर नगर प्रथम वाले हिस्से में मलबा हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि 20 जुलाई, 2024 को स्थल पर वृह्द स्तर पर पौधरोपण का कार्यक्रम होना है, जिसके अंतर्गत 10 हजार पौधे लगाये जाएंगे। इसके दृष्टिगत नदी की तरफ वाले बड़े भू-भाग को खाली करवाकर समतल करा लिया जाए और पौधे लगाने के लिए गड्ढ़ा खोदने और नर्सरी तैयार करने आदि की समस्त कार्यवाही एक सप्ताह के अंदर पूर्ण करा ली जाए। मण्डलायुक्त ने कहा कि कुकरैल नदी के किनारे साढ़े चार किलोमीटर की दूरी में ग्रीन बेल्ट विकसित की जानी है। इसके लिए निर्धारित एलाइनमेंट में योजना के मुताबिक मार्किंग करा ली जाए।

एलडीए उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नदी के किनारे 1.25 लाख पेड़-पौधे लगाकर वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इस क्रम में अयोध्या रोड पर कुकरैल नदी के किनारे कब्जामुक्त करायी गयी जमीन पर लगभग 11 करोड़ रूपये की लागत से सौमित्र वन और शक्ति वन विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत किये जाने वाले हाॅर्टीकल्चर, सिविल व विद्युत आदि के कार्यों की ई-निविदा आमंत्रित की गयी है। यहां बच्चों के लिए किड्स जोन, लाॅन, ग्रीन एरिया, ओपन जिम और टहलने के लिए पाथ-वे आदि बनाया जाएगा। साथ ही ग्रीन बेल्ट की सुंदरता को निखारने के लिए हाईमास्ट और फसाड लाइटों के भी कार्य कराये जाएंगे। उपाध्यक्ष ने बताया कि वन क्षेत्र में शीशम, जामुन, बेल, अर्जुन, आम, इमली, आवंला, कटहल, अमरूद समेत 32 प्रजाति के पेड़ लगाये जाएंगे। इसके अलावा सर्पगंधा, एलोविरा जैसे 10 हर्ब प्रजाति और नींबू, करौंदा व चांदनी जैसे झाड़ी प्रजाति के पौधे लगाये जाएंगे।

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