नई दिल्ली। तमिल हिट फिल्म ‘के.डी’ की आधिकारिक हिंदी रीमेक ‘कालीधर लापता’ अब दर्शकों के सामने है। मूल फिल्म की लेखिका और निर्देशक मधुमिता ने ही इस रीमेक को निर्देशित किया है। उत्तर भारतीय पृष्ठभूमि में ढली यह कहानी न केवल संवेदनाओं को छूती है, बल्कि रिश्तों, बीमारी, और उपेक्षा के बीच पनपती एक अनोखी दोस्ती को मार्मिकता से दिखाती है।

जब एक बच्चा बन जाता है एक उपेक्षित व्यक्ति की ताकत

फिल्म की कहानी कालीधर (अभिषेक बच्चन) के इर्दगिर्द घूमती है, जिसे हेलोसिनेशन की बीमारी है। उसके छोटे भाई उसे बोझ मानकर कुंभ मेले में छोड़ आते हैं। वह इटारसी की ओर जा रही एक बस से उतरते हुए एक अनजान गांव पहुंचता है, जहां उसकी मुलाकात होती है 8 साल के अनाथ बल्लू (दैविक बाघेला) से।

शुरुआती टकराव के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो जाती है। बल्लू कालीधर की अधूरी इच्छाओं को पूरा करने में जुट जाता है। वहीं, कालीधर की संपत्ति बेचने में असफल भाई उसे खोजने निकलते हैं, सरकारी अफसर सुबोध (मुहम्मद जीशान अयूब) की मदद से।

हिंदी रीमेक में किया गया अहम बदलाव

तमिल फिल्म में बुजुर्ग पिता इच्छामृत्यु की ओर धकेले जाते हैं, जबकि हिंदी संस्करण में मुख्य पात्र कालीधर एक मध्यमवय रोगी है। ये बदलाव कहानी को नई सामाजिक और भावनात्मक दिशा देता है। हालांकि, कालीधर की बीमारी कुछ दृश्यों में लेखक भूलते से लगते हैं, पूर्व प्रेमिका से मिलते वक्त उसकी याददाश्त दुरुस्त दिखती है। कुछ दृश्य जैसे—भंडारे की जांच करता अधिकारी या बिरयानी खाने पर हंगामा—थोड़े असंगत लगते हैं, लेकिन मुख्य कहानी पर इसका असर नहीं पड़ता।

अभिषेक बच्चन की गंभीरता और दैविक की मासूम ऊर्जा

अभिषेक बच्चन ने कालीधर की उलझन, पीड़ा और संकोच को गहराई से निभाया है। उनकी संवाद डिलीवरी और हावभाव पात्र की मानसिक स्थिति को ईमानदारी से प्रस्तुत करते हैं। वहीं, दैविक बाघेला पूरी फिल्म की जान हैं, उनकी मासूमियत, चुलबुलापन और स्क्रीन प्रजेंस अद्भुत है। मुहम्मद जीशान अयूब की मौजूदगी ठोस है, जबकि निम्रत कौर अपने सीमित समय में प्रभाव छोड़ती हैं।

तकनीकी पक्ष: संगीत, सिनेमैटोग्राफी और लेखन

गीत सागर के गीत और अमित त्रिवेदी का संगीत कहानी के साथ बहता है। दिल बंजारा… गीत खास तौर पर असर छोड़ता है। सिनेमेटोग्राफर गैरिक सरकार ने गांव के परिवेश को खूबसूरती से चित्रित किया है। फिल्म के संवाद कहीं-कहीं चुटीले हैं, जो गंभीर कथा में राहत देते हैं।

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