कानपुर में पुलिस की बर्बरता का शर्मनाक चेहरा एक बार फिर सामने आया है। एक साधारण पति-पत्नी के झगड़े में पहुंची पुलिस टीम ने युवक से 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। युवक ने जैसे-तैसे 20,000 रुपये का इंतजाम किया लेकिन बाकी की राशि न देने पर धमकियां और मारपीट शुरू कर दी गई।
मानसिक प्रताड़ना से तंग युवक ने की आत्महत्या
पुलिस के दबाव और अपमान से तंग आकर युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने इस तरह मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना न दी होती, तो युवक जिंदा होता।
दारोगा, दीवान समेत चार पुलिसकर्मियों पर FIR
मामला सामने आने के बाद एक दारोगा और दीवान समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
जनाक्रोश और सवाल
इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम लोगों का सवाल है कि क्या थानों में अब न्याय नहीं, सौदेबाजी होती है? और क्या आम नागरिक की सुरक्षा के नाम पर खड़ा सिस्टम खुद डर का कारण बनता जा रहा है?
जांच जारी, लेकिन न्याय की मांग तेज
प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश तो दे दिए हैं, लेकिन परिजनों और आम नागरिकों की मांग है कि दोषियों को सिर्फ निलंबन नहीं, कड़ी सज़ा मिले। ताकि भविष्य में कोई और निर्दोष ऐसी बर्बरता का शिकार न हो।