Kanwar Yatra Clash: सावन का महीना चल रहा हैं जिससे देशभर में शिवभक्ति की लहर दौड़ रही है, कोई खास मौका हो और उत्तर प्रदेश की सियासत में हंगामा ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता … अब सावन चल रहा हैं तो कांवड़ियों को लेकर कुछ ऐसे बयान सामने आए हैं जिन्होंने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में जबरदस्त बहस छेड़ दी है। अब इसी को लेकर पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांवड़ यात्रा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये भक्त नहीं, बल्कि “सत्ता संरक्षण में पलने वाले गुंडे और माफिया” हैं। उन्होंने सवाल उठाया – “जब भोले बाबा शांत और सरल हैं, तो उनके भक्त हिंसक क्यों हो सकते हैं?
शिवभक्ति की आड़ में गुंडागर्दी
इसके साथ ही स्वामी प्रसाद ने दावा किया कि इन कांवड़ियों के भेष में अराजक तत्व पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि ये ‘शुद्ध रूप से राजनीतिक संरक्षण में पैदा हुई भीड़’ है जो शिवभक्ति की आड़ में गुंडागर्दी कर रही है। बस फिर क्या उनके इस बयान के बाद विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद के लखनऊ स्थित आवास पर जलाभिषेक का ऐलान कर दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और प्रशासन को मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
भाजपा सरकार के संरक्षण में गुंडागर्दी
हालांकि इसके बाद एक बार फिर स्वामी प्रसाद ने बयान दिया कि “मैं अपने बयान पर कायम हूं। भोले बाबा के भक्त कभी सड़कें नहीं जाम करते, गाड़ियां नहीं तोड़ते, महिलाओं को चोट नहीं पहुंचाते और आम लोगों की यात्रा में बाधा नहीं बनते। अगर ये काम कांवड़िए नहीं कर रहे, तो फिर कौन कर रहा है? जाहिर है, ये वही लोग हैं जो भाजपा सरकार के संरक्षण में गुंडागर्दी कर रहे हैं और पूरे प्रदेश में डर का माहौल बना रहे हैं।
ये बनावटी हिंदू हैं….
वही दूसरी ओर सुल्तानपुर में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने भी कांवड़ यात्रा पर बेहद तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में “ब्राह्मणों या अधिकारियों के बेटे नजर नहीं आते, सिर्फ गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग ही कांवड़ उठाते हैं। इतना ही नहीं मोहर्रम से तुलना करते हुए शौकत अली ने कहा कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मोहर्रम के जुलूस में उपद्रव होता है। लेकिन कांवड़ यात्रा में जो दृश्य दिखाई देते हैं, वे अनुशासन नहीं, अराजकता हैं। ये बनावटी हिंदू हैं जो असल हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं। इतना ही नहीं शौकत अली का सबसे भड़काऊ बयान तब आया जब उन्होंने कहा… जो तथाकथित कांवड़िए उत्पात मचाते हैं, उनका इलाज जेल है। इन पर मुकदमा चलना चाहिए।
क्या आस्था का प्रदर्शन अब अराजकता का रूप ले चुका है?
ऐसे में जहां एक ओर करोड़ों शिवभक्त अपनी श्रद्धा के साथ हर साल कांवड़ यात्रा निकालते हैं, वहीं दूसरी ओर यह यात्रा अब राजनीतिक रेखाओं के बीच विवाद का केंद्र बनती जा रही है। सवाल यह नहीं कि कौन कांवड़ उठा रहा है, बल्कि सवाल यह है कि क्या आस्था का प्रदर्शन अब अराजकता का रूप ले चुका है? क्या कांवड़ यात्रा अब धार्मिक आस्था से ज्यादा राजनीतिक हथकंडा बन गई है?
यूपी सरकार के लिए भी नई चुनौती
स्वामी प्रसाद मौर्य और AIMIM नेता शौकत अली के बयानों ने यूपी की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां मौर्य ने कांवड़ियों को ‘सत्ता संरक्षित गुंडे’ कहा, वहीं AIMIM नेता ने उनके लिए ‘जेल’ की मांग की। इन बयानों ने न सिर्फ हिंदू संगठनों को नाराज किया है, बल्कि यूपी सरकार के लिए भी नई चुनौती पैदा कर दी है। क्या ये बयान सच्चाई को उजागर कर रहे हैं या फिर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़? आपकी राय क्या है?