Health News: हाल ही में की गई एक स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि छह घंटे से कम नींद लेने से वैक्सीनेशन के दौरान शरीर की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया कम हो सकती है, जिससे वैक्सीन का असर भी घट सकता है। यह स्टडी करंट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है, जो शिकागो यूनिवर्सिटी और फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च द्वारा की गई थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जो लोग वैक्सीनेशन के दिन या उसके आस-पास 6 घंटे से कम सोते हैं, उनके शरीर में वैक्सीन के प्रति एंटीबॉडी प्रतिक्रिया कमजोर हो जाती है। इसका मतलब यह है कि उनकी इम्यूनिटी उतनी मजबूत नहीं बन पाती, जितनी कि हो सकती थी। इस अध्ययन से यह साफ है कि वैक्सीनेशन के दौरान शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी नींद लेना कितना महत्वपूर्ण है।

शिफ्ट वर्कर्स को खास ध्यान देने की जरूरत

यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए चिंता का विषय है, जिनका काम शिफ्ट्स में होता है, क्योंकि इनका नींद का पैटर्न अक्सर असामान्य रहता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन के एक सप्ताह पहले और बाद में पर्याप्त नींद लेने के लिए योजना बनानी चाहिए।

बच्चों पर भी है असर

वैक्सीनेशन के बाद बच्चों का ज्यादा सोना भी एक सामान्य प्रक्रिया है। यह दर्शाता है कि उनका शरीर वायरस से लड़ने में अधिक सक्षम है। अगर बच्चा वैक्सीनेशन के बाद ज्यादा सो रहा है, तो माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इंजेक्शन के दर्द या सूजन की वजह से कुछ बच्चे नींद में परेशानी महसूस कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें आराम देना चाहिए।

यह स्टडी इस बात पर जोर देती है कि नींद का वैक्सीनेशन के असर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यदि आप भी वैक्सीनेशन कराने जा रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप अपनी नींद का ध्यान रखें और पूरी नींद लें, ताकि आपके शरीर को वैक्सीनेशन का पूरा फायदा मिल सके।

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