‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं रहा, बल्कि यह देशभर में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का प्रतीक बनकर उभरा है। इस अभियान ने पूरे देश को एकजुट कर दिया है और देशभक्ति की भावना को आर्थिक राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया है कि वे चीनी उत्पादों पर निर्भरता घटाएं और स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें।
प्रधानमंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब देश ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर निर्णायक बढ़त हासिल की है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया है। अब इस सैन्य सफलता को आर्थिक आत्मनिर्भरता में बदलने की तैयारी है।
पीएम मोदी ने जनता से कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर नागरिक का योगदान ज़रूरी है। ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को मजबूत करते हुए उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और आयातित वस्तुओं, खासकर चीनी सामानों से दूरी बनाने का आग्रह किया।
क्या यह भारत के आर्थिक राष्ट्रवाद का निर्णायक मोड़ साबित होगा? क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भारत के आर्थिक आत्मविश्वास का प्रतीक बन जाएगा? इन सवालों पर देशभर में तीखी बहस छिड़ गई है।