लखनऊ। पाहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना की काउंटर-टेररिज्म क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को ₹1,981.9 करोड़ के 13 आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement – EP) सौदों के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की। ये सौदे ₹2,000 करोड़ के कुल आवंटन के तहत किए गए हैं और पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशनल तत्परता को बढ़ाने के लिए किए गए हैं।
क्या-क्या खरीदा गया है?
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये सौदे आधुनिक सैन्य तकनीक से जुड़े हैं जो सिचुएशनल अवेयरनेस, मारक क्षमता, मूवमेंट और सैनिक सुरक्षा को बूस्ट करते हैं। इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम्स (IDDIS), लो लेवल लाइटवेट रडार (LLLR), वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS), मिसाइल और लॉन्चर, रिमोटली पायलटेड एरियल व्हीकल्स (RPAVs), लोइटरिंग म्युनिशन (Suicide Drones), VTOL टेक्नोलॉजी के साथ, सर्विलांस और कॉम्बैट ड्रोन के विभिन्न वर्ग, बुलेटप्रूफ जैकेट्स और बैलिस्टिक हेलमेट्स, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स (QRFV) – हैवी और मीडियम दोनों, राइफल्स के लिए नाइट साइट्स खरीदे गए प्रमुख उपकरणों में शामिल हैं
यह खरीदारी इस समय क्यों अहम है?
यह खरीद प्रक्रिया इस बात को दर्शाती है कि आधुनिक युद्ध के लिए सेना को स्वदेशी और एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस करना सरकार की प्राथमिकता** है। आपातकालीन खरीद प्रक्रिया ने पहले भी हथियार, गोला-बारूद और कम्युनिकेशन गियर खरीदने में अहम भूमिका निभाई थी। अब इसे रेपिड डिलीवरी और कैपेबिलिटी गैप्स भरने के लिए रणनीतिक रूप से प्रयोग में लाया जा रहा है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ बना पृष्ठभूमि
ये सभी खरीद ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में की गई हैं। इस सैन्य प्रतिक्रिया में भारत ने हालिया पाहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिये अवन्तीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, फलोदी और भुज में सामरिक ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की थी।
भारत की जवाबी स्ट्राइक
भारत ने सटीकता से जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के हाई-वैल्यू एयरबेस, नूर खान और रहीमयार खान को निशाना बनाया। भारत द्वारा प्रयोग किए गए लोइटरिंग म्युनिशन (Suicide Drones) ने पाकिस्तानी रडार और मिसाइल सिस्टम को सटीकता से तबाह किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि भविष्य की जंग में ड्रोन तकनीक निर्णायक भूमिका निभाएगी।
आगे की राह: स्मार्ट, तेज और स्वदेशी
भारत की सैन्य रणनीति अब स्पष्ट है तकनीक-आधारित, मोबाइल और इंडिजिनस प्लेटफॉर्म्स पर केंद्रित तैयारी। आपातकालीन खरीद तंत्र और मेक इन इंडिया के संयोजन से भारतीय सेना अपनी क्षमताएं तेज़ी से बढ़ा रही है।