भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने महज चार दिनों में पाकिस्तान की वायु शक्ति को “अंधा, सुन्न और निष्क्रिय” कर दिया। यह अभियान पाकिस्तान द्वारा सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों के जवाब में शुरू हुआ था और इसकी सटीकता एवं तीव्रता ने दुनिया भर के सैन्य विश्लेषकों को चौंका दिया।
6-7 मई की रात भारत ने बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी अड्डों पर हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी मिसाइल हमले किए। हालांकि भारत की लेयर्ड एयर डिफेंस प्रणाली ने ज्यादातर मिसाइलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद 9-10 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के वायु ठिकानों—चकलाला, सरगोधा, रहीम यार खान और कराची—पर बड़ी कार्रवाई की।
भारतीय वायुसेना ने क्रूज मिसाइलों, स्टैंड-ऑफ वेपन्स और हारोप-हार्पी जैसे लॉटरींग म्यूनिशन का इस्तेमाल कर पहले पाकिस्तान की रडार और वायु रक्षा प्रणाली को निशाना बनाया। HQ-9 मिसाइल साइट्स और रडार स्टेशन ध्वस्त कर दिए गए, जिससे पाकिस्तान की निगरानी क्षमता खत्म हो गई।
इसके बाद चकलाला, मुरिद और सरगोधा के कमांड और कंट्रोल सेंटर को SCALP और Rampage मिसाइलों से ध्वस्त किया गया, जिससे पाकिस्तान की हवाई कमान पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई। कई पाकिस्तानी अधिकारी आम नागरिक विमानों के गलियारों का सहारा लेकर अपनी जान बचाते दिखे।
10 मई तड़के पाकिस्तान ने पंजाब और गुजरात में भारतीय ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ने ज्यादातर मिसाइलों को रोक दिया। कई मिसाइलें तो बिना फटी रह गईं और बाद में नागरिकों द्वारा सेना को सौंप दी गईं।
ऑपरेशन के आखिरी चरण में भोलारी एयरबेस को निशाना बनाया गया, जहां एक Saab AEW&C विमान और कई पश्चिमी जेट विमान नष्ट कर दिए गए। रनवे क्रेटर से उड़ानें बाधित हो गईं।
10 मई की सुबह तक पाकिस्तान सीज़फायर की गुहार लगाने लगा। इस अभियान ने पाकिस्तान को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर गहरी चोट दी है।