नई दिल्ली। भारत की संसद ने एक ऐतिहासिक कूटनीतिक कदम उठाते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ को वैश्विक स्तर पर बुलंद किया है। पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजा, जो एक तरह से विश्व समुदाय को सच्चाई से अवगत कराने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के चेहरे को बेनकाब करने की रणनीति का हिस्सा था।

57 सांसदों की ऐतिहासिक भागीदारी

इन प्रतिनिधिमंडलों में कुल 57 सदस्य थे, जिनमें से 20 से अधिक सांसद विपक्षी दलों से थे। यह भारत के लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एकता का प्रतीक माना जा रहा है। विशेष बात यह रही कि इनमें से अधिकांश प्रतिनिधिमंडल विपक्षी सांसदों के नेतृत्व में थे। शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल, जिसमें भाजपा, बीजेडी और IUML सहित विभिन्न दलों के सांसद थे, ने यूएई, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC), सिएरा लियोन और लाइबेरिया का दौरा किया।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूत

प्रतिनिधिमंडलों ने हर देश में भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज़्म’ नीति और ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को स्पष्ट रूप से रखा। DRC और सिएरा लियोन जैसे देशों ने न केवल भारत का समर्थन किया, बल्कि UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में आतंकवाद पर भारत के रुख को मजबूती देने का आश्वासन भी दिया। सिएरा लियोन की संसद ने पहलगाम हमले में शहीदों की याद में मौन रखा, वहीं लाइबेरिया की संसद में पहली बार किसी भारतीय सांसद (शिंदे) को संबोधन का अवसर मिला। DRC की संसद ने भी आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।

सोशल मीडिया और मीडिया में भारत की बढ़ती स्वीकार्यता

यूएई में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और नेशनल मीडिया ऑफिस के अधिकारियों के साथ संवाद ने यह दर्शाया कि भारत की सटीक और सशक्त कूटनीति ने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर दिया है। मीडिया में भारत के स्टैंड को व्यापक कवरेज मिली। हर देश में प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद किया गया। ये भारतीय न केवल सांस्कृतिक दूत हैं, बल्कि भारत की सकारात्मक छवि और नीति के वाहक भी हैं। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को सहयोग और समर्थन देने का वादा किया।

मोदी सरकार की निर्णायक पहल

इन दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सात प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर फीडबैक लिया और उनके कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कूटनीतिक प्रयास न केवल पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करेगा, बल्कि भारत को आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में भी बल देगा।

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