यांगून में भारतीय समुदाय को 15 टन खाद्य सामग्री, मंदिर की रसोई को मिला जनरेटर और जल शोधक; सेना के फील्ड हॉस्पिटल में 1,651 मरीजों का इलाज
7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत ने “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत म्यांमार को मानवीय सहायता पहुंचाने का सिलसिला जारी रखा है। यांगून में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने वहां की समुदाय राहत समिति को 15 टन चावल, खाना पकाने का तेल और अन्य खाद्य सामग्री सौंपी।
वहीं, मंडाले में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने अंबिका मंदिर की रसोई के लिए जनरेटर, जल शोधक और तेल प्रदान किया, जहां प्रतिदिन 4000 लोगों को भोजन कराया जा रहा है। सेना द्वारा मंडाले में संचालित फील्ड हॉस्पिटल में अब तक 1,651 मरीजों का इलाज हो चुका है, जिसमें 281 मरीजों को एक ही दिन में देखा गया।
भारत ने अब तक कुल 625 मीट्रिक टन मानवीय सहायता भेजी है, जिसमें हाल ही में 442 टन खाद्य सामग्री की खेप भी शामिल है। एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय टीम और चार प्रशिक्षित खोजी कुत्तों के साथ बचाव कार्य में लगी हुई है।
28 मार्च को आए भूकंप ने म्यांमार में 3,645 लोगों की जान ले ली, 5,017 घायल हुए और 148 लोग अब भी लापता हैं। राजधानी नैपीडॉ समेत छह राज्यों और क्षेत्रों में बिजली, मोबाइल नेटवर्क और सड़कों को भारी नुकसान हुआ है। यह आपदा म्यांमार के पहले से चल रहे गृहयुद्ध के कारण बनी मानवीय संकट की स्थिति को और गंभीर बना रही है।