GST Reform. HSBC ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च के अनुसार, अगर केंद्र सरकार अपने प्रस्तावित GST सुधार को लागू करती है, तो भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में दीर्घकालिक मांग और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार उच्चतम GST स्लैब को 28% से घटाकर 18% करने और अतिरिक्त सीस को हटाने पर विचार कर रही है।
वर्तमान में, कारों पर 29% से 50% तक कर लगाया जाता है, जिसमें सीस भी शामिल है, जो इंजन क्षमता और वाहन के आकार के आधार पर अलग-अलग होता है। प्रस्तावित संरचना के अनुसार छोटे कारों की कर दर 28% से घटकर 18% हो सकती है, जिससे उनकी कीमत लगभग 8% तक कम हो सकती है। बड़ी कारों के लिए कर दर 40% “विशेष दर” के तहत लागू हो सकती है और सीस हट जाएगा, जिससे कीमत में 3-5% तक की कमी संभव है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड इस बदलाव से सबसे अधिक लाभान्वित होगी, क्योंकि इसके लगभग 68% बिक्री छोटे कारों की श्रेणी में आती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा को भी लाभ मिलेगा, हालांकि इसकी उच्चतर झुकाव इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर होने के कारण थोड़ा कम होगा। SUVs पर कर दर में बड़ा बदलाव होने की संभावना कम है। हाइब्रिड वाहनों पर कर दर में कमी मारुति के लिए सकारात्मक साबित हो सकती है।
कमर्शियल वाहनों पर भी 28% GST को घटाकर 18% करने का प्रस्ताव है, जिससे अशोक लेलैंड, टाटा मोटर्स और आइकर मोटर्स को फायदा मिलेगा। दो-पहिया वाहन निर्माताओं जैसे बजाज, हीरो, TVS और आइकर को भी GST कटौती से लाभ होने की उम्मीद है।
स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST ढांचे में बड़े बदलाव का संकेत दिया। रिपोर्टों के अनुसार सरकार 12% और 28% के वर्तमान स्लैब को हटाकर अधिकांश वस्तुओं को 5% और 18% श्रेणी में लाने पर विचार कर रही है, जबकि कुछ लक्ज़री और पापयुक्त वस्तुएं नई 40% श्रेणी में आ सकती हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि छोटे और मध्यम वाहन निर्माता जैसे मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स सबसे अधिक लाभान्वित होंगे, जबकि ट्रक और बस निर्माताओं को भी मांग में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। Motilal Oswal Financial Services की रिपोर्ट में ऑटोमोबाइल सेक्टर को GST सरलिकरण का प्रमुख लाभार्थी बताया गया है।
इस प्रस्तावित GST सुधार से ऑटो उद्योग में मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बिक्री में इजाफा होगा और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। साथ ही, भारतीय ऑटो उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति भी मजबूत होगी।