दुबई: एशिया कप 2025 का 10वाँ मैच पाकिस्तान और मेजबान टीम यूएई के बीच दुबई में निर्धारित था, लेकिन पाकिस्तान ने इस मुकाबले को खेलने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया। इस फैसले के साथ पाकिस्तान का टूर्नामेंट से बाहर होना निश्चित हो गया।
यूएई को अब वॉकओवर मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद उन्हें दो अंक मिल जाएंगे और मेजबान टीम सुपर-4 स्टेज के लिए क्वालिफाई कर जाएगी।
हाथ मिलाने के विवाद ने बढ़ाई विवादों की आग
यह मामला तब शुरू हुआ जब रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम के साथ हाथ मिलाने से मना कर दिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच रेफरी एंडी पॉयक्राफ्ट को दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्होंने इस घटना में भूमिका निभाई थी। PCB ने ICC से पॉयक्राफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने की मांग की थी, लेकिन ICC ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया।
PCB का कहना था कि पॉयक्राफ्ट ने टॉस के समय पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा को संकेत दिया था कि वह हाथ न मिलाएं , यह MCC क्रिकेट नियमों व खेल की आत्मा (spirit of the game) के खिलाफ था। लेकिन जब ICC ने उनकी मांग न मानते हुए पॉयक्राफ्ट को बनाए रखने का फैसला किया, तो पाकिस्तान बोर्ड ने आगे की रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया।
क्या पाकिस्तान ने पूरा टूर्नामेंट छोड़ दिया?
हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि पाकिस्तान पूरी तरह एशिया कप से हट सकता है। PCB ने अचानक यू-टर्न लेते हुए कहा कि पाकिस्तान यूएई के खिलाफ मैच में भाग लेगा। इस बीच, एंडी पॉयक्राफ्ट को पाकिस्तान के मैच से हटाकर रिची रिचर्डसन को रेफरी नियुक्त किया गया है।
अगर पॉयक्राफ्ट नहीं हटते, तो पाकिस्तान का मैच न खेलना उनके टूर्नामेंट अभियान को खत्म कर देता, क्योंकि उन्हें सुपर-4 में पहुंचने के लिए यूएई के खिलाफ जीत की ही जरूरत थी। ऐसे में वॉकओवर की स्थिति में पाकिस्तान सिर्फ दो अंकों तक सीमित रह जाते, जो सुपर-4 के लिए पर्याप्त नहीं होते।
पाकिस्तान का यह फैसला सिर्फ एक मैच का मुद्दा नहीं रहा — यह एशिया कप में खेल, क्रीड़ा और राजनीति के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक बन गया। यह विवाद यह भी संकेत देता है कि कैसे ऑन-फील्ड गतिविधियों के बाद के व्यवहार और फैसले पूरी टूर्नामेंट की दिशा और परिणाम को बदल सकते हैं।