Uttar Pradesh: लखनऊ के सरोजनीनगर के रहीमाबाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से कराए खनन से बने तालाब में बृहस्पतिवार शाम दो नाबालिग छात्र डूब गए। सात घंटे बाद इन्हें निकाला गया, लेकिन तब तक इनकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर पुलिस व दमकल पहुंची। गोताखोरों और एसडीआरएफ (SDRF) को भी बुलाया गया। ग्रामीण भी जमा हो गए। रात दस बजे के करीब दोनों को तालाब से निकाला गया।
गहरे पानी में चले गए और डूब गए
बता दें कि सरोजनीनगर के विष्णुनगर निवासी पेंटर मनमोहन का बेटा दुर्गेश (15) और मुरली विहार के प्लंबर मनोज का बेटा मानस (13) दोनों नौवीं के छात्र थे। दोनों एक अन्य दोस्त के साथ दोपहर तीन बजे कोचिंग पढ़ने साइकिल से निकले। रास्ते में मानस और दुर्गेश पंचकुटी के सामने तालाब में नहाने लगे। कुछ देर में दोनों गहरे पानी में चले गए और डूब गए। यह देखकर पास में खड़े दोस्त ने शोर मचाया। दोनों के घर जाकर जानकारी दी। पुलिस व दमकल की टीमें पहुंचीं। गोताखोरों और एसडीआरएफ को भी बुलाया गया। ग्रामीण भी जमा हो गए।
लोकबंधु अस्पताल में जमकर हंगामा
रात करीब 10 बजे दोनों को तालाब से निकाला गया। पुलिस लोकबंधु अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों के शवों के पोस्टमार्टम को लेकर परिजनों ने लोकबंधु अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि जब पुलिस व एसडीआरएफ ने बच्चों को निकाला ही नहीं तो पोस्टमार्टम क्यों करा रही है। परिजन शव ले जाने लगे तो पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद नोकझोंक हुई। हंगामे की सूचना पर कृष्णानगर पुलिस भी पहुंच गई। देर रात तक पुलिस परिजनों को समझाती रही।
अथॉरिटी ने खनन किया लेकिन गड्ढा भरा नहीं
दरअसल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी जमीन पर 8 साल तक खनन किया। खनन विभाग को अथॉरिटी ने कोई सूचना नहीं दी थी साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ने खनन किया लेकिन गड्ढा भरा नहीं। खनन के बाद गड्ढा भरा जाता तो शायद आज दोनों बच्चे बच जातें और बच्चों की जान नहीं जाती..