वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्होंने पद की शपथ लेने के बाद 18 जून को अपने संसदीय क्षेत्र के पहले दौरे में किसानों की बैठक आयोजित कर अपने तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकता स्पष्ट कर दी थी। कृषि क्षेत्र राज्य मशीनरी से अतिरिक्त ध्यान मिलना शुरू हो गया है।
उप कृषि निदेशक एके सिंह ने बताया कि जिले को 20 नए कृषि केंद्र खोलने का लक्ष्य दिया गया है। कृषि जंक्शन केंद्र चालू वित्त वर्ष में प्रशिक्षित युवा कृषकों के लिए 10 लाख रुपये की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2016-17 में यह योजना शुरू की थी, लेकिन पिछले वित्तीय वर्षों में 8-16 से अधिक केंद्र नहीं खोले जा सके। उन्होंने कहा कि 2016-17 और 2023-24 के बीच कुल 104 केंद्र खोले गए, जबकि वर्तमान में 71 ऐसे केंद्र सक्रिय हैं।
सिंह ने बताया कि जिले में रहने वाले कोई भी कृषि या कृषि व्यवसाय प्रबंधन स्नातक, जिनके पास किसी राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालय या आईसीएआर या यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त किसी अन्य विश्वविद्यालय से कृषि और संबद्ध विषयों जैसे बागवानी, पशुपालन, वानिकी, डेयरी, पशु चिकित्सा, मुर्गीपालन और इसी तरह की गतिविधियों में डिग्री है, वे एग्री जंक्शन केंद्रों की स्थापना के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। इसके अलावा, कृषि में अनुभवी डिप्लोमा धारक, इंटरमीडिएट योग्य उम्मीदवारों पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चयन के बाद लाभार्थियों को ग्रामीण व्यवसाय विकास योजना (आरआईडीपी) में 13 दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार विस्तृत जानकारी के लिए उनके कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं, जबकि वे अपना आवेदन सभी प्रपत्रों के साथ 15 जुलाई तक कृषि भवन कलेक्ट्रेट फार्म, चांदपुर में जमा कर सकते हैं।
शर्तों के बारे में सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों को तीन साल तक ‘वन स्टाफ शॉप’ चलानी होगी, अन्यथा उन्हें कृषि विभाग की सभी योजनाओं से काली सूची में डाल दिया जाएगा तथा उन पर होने वाले व्यय की वसूली विभाग द्वारा की जाएगी।
राज्य सरकार ने कृषि केंद्र (एग्री जंक्शन) के नाम से किसानों को कृषि स्नातक ‘वन स्टाफ शॉप’ के माध्यम से सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्यक्रम शुरू किया था। एग्री जंक्शन केंद्र किसानों को एक ही छत के नीचे बीज, खाद, कृषि उपकरण, कृषि रसायन की सुविधा प्रदान करते हैं।
इसके अलावा, केंद्र कृषि उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव, पशु चारा, कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की बिक्री, मौसम और अन्य संबंधित जानकारी प्रदान करने जैसे कार्य भी करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचने पर 18 जून को किसानों की बैठक की थी।
इस अवसर पर उन्होंने देश के किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये की 17वीं किस्त जारी की और देश के 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखियों के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।
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