एक साल के इंतजार और दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया सरकारी आवास आवंटित कर दिया है। उन्हें लोधी एस्टेट, दिल्ली के प्रतिष्ठित क्षेत्र में स्थित 95 नंबर सरकारी घर दिया गया है, जो उन्हें राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर आवंटित किया गया है।

मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद लगभग एक साल तक केजरीवाल को सरकारी घर नहीं मिला। कई बार आवेदन और पत्राचार के बावजूद आवंटन नहीं होने पर उन्होंने न्याय की राह अपनाई और दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मार्च 2025 में अदालत में केजरीवाल ने कहा था कि बतौर राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख उन्हें सरकारी घर का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार इसमें जानबूझकर देरी कर रही है। केंद्र की ओर से जवाब में कहा गया कि उपयुक्त घर की तलाश जारी है।

मामले की सुनवाई कई बार टली और अप्रैल, जून और अगस्त 2025 में भी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। सितंबर 2025 में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि एक साल बाद भी एक निर्वाचित राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख को घर न देना प्रशासनिक असंवेदनशीलता है। अदालत ने 10 दिन की समयसीमा दी और आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

अब केंद्र सरकार ने अदालत के निर्देश के बाद केजरीवाल को लोधी एस्टेट स्थित 95 नंबर घर आवंटित कर दिया है। यह वीवीआईपी इलाका माना जाता है, जहां केंद्रीय मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज और वरिष्ठ नौकरशाह रहते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे केवल प्रशासनिक कदम नहीं बल्कि प्रतीकात्मक जीत के रूप में देख रहे हैं। केजरीवाल जल्द ही अपने नए सरकारी घर में शिफ्ट होंगे और वहां से पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार और आगामी चुनावी रणनीतियों पर काम करेंगे।

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