मनमोहन सिंह के बॉडी गार्ड रहे असीम अरुण ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजली दी। 2004 में पूर्व पीएम के बॉडी गार्ड रहे पूर्व IPS असीम अरुण ने बताया कि डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी मारूती 800 वे उसी कार में चलना पसंद करते थे। प्रधानमंत्री बने लेकिन पोस्टर पर नहीं मिली उन्हें जगह। बोलते भले ही कम थे लेकिन कार्य करने में उनका ध्यान ज्यादा रहता था। आगे बताते हुए असीम अरुण ने कहा कि डॉ सिंह की जो छवि थी वो एक आम आदमी की ही लगती थी। वे कभी-कभी एक टक अपनी मारूती 800 को निहारा करते थे। सबसे अच्छी बात उनके परिवार में यहीं थी कि सबकी मानसिकता एक जैसी थी। उनका मानना था हम जो कुछ भी अर्जित करें वो अपने कर्म से करें न की जन्म से।

पूर्व प्रधानमंत्री की इस सादगीपूर्ण जीवनशैली ने उन्हें न केवल एक प्रभावशाली नेता बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी बना दिया। असीम अरुण ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह के साथ बिताए गए समय ने उन्हें एक बहुत अच्छा और अनुशासित इंसान बनने की प्रेरणा दी। असीम अरुण ने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करना एक सम्मान की बात थी, और उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति

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