एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिल गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद से जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इस पूरे मामले को लेकर सत्तारुढ़ पार्टी पर हमलावर हैं। तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले पर अपन पक्ष साफ करते हुए एक देश,एक चुनाव का समर्थन किया है। इसी मामले पर उन्होंने एक्स पर लिखा कि हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है। इसका उद्देश्य देश, जनहित में होना ज़रूरी है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
जहां एक तरफ इस मामले पर कई दल सरकार के समर्थन में आए हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इस मामले पर बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को घेरते हुए कहा कि ये केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है। ये संविधान के खिलाफ,लोकतंत्र के प्रतिकूल है साथ ही ये फेडरलिज्म के भी विरूद्ध है। देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। वहीं वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रमोद तिवारी ने भी बयान दिया है उन्होंने कहा कि ये मोदी सरकार का एक और शिगूफा है। एक और ड्रामा,चारों तरफ से गिरी है। ये सरकार चले तो थे 400 का आंकड़ा लेकर,240 में सिमटे।