उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का रण समाप्त हो चुका है। भाजपा गठबंधन ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की वहीं समाजवादी पार्टी सिर्फ 2 ही सीट पर सिमट गई। कभी न उपचुनाव लड़ने वाली बसपा ने भी इस उपचुनाव में 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे। बसपा को भारी नुक्सान हुआ हुआ है।
उपचुनाव में बसपा को पहले के मुकाबले बहुत कम वोट मिले। जिन 9 सीटों पर चुनाव हुआ उसमें सब मिलकर बसपा को 1.51 लाख वोट ही मिले जबकि 2022 में इन्हीं सीटों पर उसे 3.5 लाख से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे। अधिकांश सीटों पर बीएसपी की जमानत जब्त हो गई। जबकि फूलपुर और कटेहरी के प्रत्याशी थोड़ा बहुत वोट पाने में सफल रहे। बसपा के वोट प्रतिशत में 2012 से जो गिरावट शुरू हुई है वो 12 साल बाद भी जारी है।
बसपा अपने वोटर्स को जगाने में असफल रही। मायावती ने अपने प्रत्याशी तो जरूर उतार दिए लेकिन किसी भी सीट पर कोई जनसभा नहीं की। मायवती का मूल वोटर्स भी अब छटक गया है। जो पार्टी कभी 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही है उसका ग्राफ 2012 से लगातार गिरता जा रहा है। इन सभी 9 सीटों पर मायावती को करारी हार का सामना करना पड़ा।