वाराणसी। लोक आस्था का महापर्व मंगलवार को उदयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ। चार दिवसीय पर्व के आखिरी दिन काशी में अद्भुत छटा देखने को मिला। काशी के नमो घाट से लेकर सामने घाट सहित वरुणा और गंगा नदी के किनारे आस्थावानों का जनसैलाब देखने को मिला। मंगलवार की भोर से अपने संतान की मंगल कामना के लिए व्रती महिलाओं ने सूर्य के उदयमान होने के साथ ही अर्घ्य देने के साथ 36 घंटे के निर्जला व्रत को पूर्ण किया। कार्तिक पूर्णिमा के सप्तमी तिथि को व्रती महिलाओं ने सकुशल व्रत पूरा करने के साथ ही अगले साल पुनः छठ का व्रत रखने का संकल्प लिया।

काशी बना मिनी बिहार, छठ की अद्भुत छटा को देखने के लिए देश विदेश से जुटे श्रद्धालु…
बाबा श्री काशी विश्वनाथ की नगरी काशी विगत चार दिनों से मिनी बिहार के रूप में तब्दील हो गया। छठ गीत और आस्थावानों से पूरा शहर पटा रहा। वहीं काशी में बिहार छठ पर्व की छटा को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से आए श्रद्धालु और पर्यटक जुटे रहे। काशी में मिनी बिहार की छठ पर्व को अपने कैमरे में कैद करने के लिए विदेशी पर्यटक भी कभी आतुर दिखे।

बारिश पर भारी पड़ा आस्था, बारिश के बीच गंगा तट पर मां छठी की आराधना करती रही महिलाएं
छठ पर्व की रात रिमझिम बारिश और अचानक बढ़े ठंड के मौसम पर व्रती महिलाओं की आस्था भारी पड़ी। वाराणसी के अस्सी घाट पर व्रती महिलाए छठी मईया की आराधना में जुटी रही। आस्थावान महिलाओं ने बताया कि छठ का महापर्व बेहद ही कठिन होता है, मौसम के बिगड़ने से कुछ दिक्कतें उन्हें हुई, लेकिन इसके बाद भी वह छठ माई की गीतों के साथ आराधना में जुटी है। श्रद्धालुओं की माने तो छठी मां उनकी कठिन व्रत की परीक्षा ले रही है। महिलाओं की यह आस्था और कठिन व्रत देख लोग काफी हैरान रहे। वहीं गंगा और वरुणा के घाट पर महापर्व को लेकर पुलिस प्रशासन की टीम भी मुस्तैद रही।









