लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज 11 अगस्त से शुरू हो गया है, जो 16 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अवकाश रहेगा। सत्र की सबसे बड़ी खासियत 13 अगस्त को होने वाला 24 घंटे से अधिक समय तक चलने वाला विशेष सत्र है, जिसमें सुबह 11 बजे से चर्चा शुरू होगी और 14 अगस्त दोपहर 2 बजे तक चलेगी। इस सत्र में ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विजन डॉक्यूमेंट’ पेश किया जाएगा, जिसके तहत सभी मंत्री अपने-अपने विभागों का विजन प्रस्तुत करेंगे।
सत्र से पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और सभी दलों से सहयोग की अपील की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सहयोगी दलों के नेता ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद, विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ मौजूद रहे।
विपक्ष ने बाढ़, स्कूल मर्जर, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी की है। साथ ही उन्होंने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग भी की, यह कहते हुए कि चार दिन के छोटे सत्र में कई अहम मुद्दे छूट सकते हैं।
दूसरी ओर, सरकार ने विपक्ष के तेवरों को देखते हुए रणनीति बना ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों और विधायकों को विपक्ष के सभी सवालों का तथ्यपूर्ण जवाब देने के निर्देश दिए हैं। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा से पीछे नहीं हटेगी और हर सवाल का सामना करने के लिए तैयार है।
यह सत्र न केवल विधायी दृष्टि से महत्वपूर्ण होने वाला है, बल्कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस का भी गवाह बनेगा।