लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य को देश का AI हब बनाने की दिशा में ठोस पहल शुरू कर दी है। लखनऊ जल्द ही भारत का पहला AI सिटी बनने जा रहा है, जहां स्मार्ट शिक्षा, सुरक्षा, कृषि और प्रशासन के क्षेत्र में अत्याधुनिक AI तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
10,732 करोड़ रुपये का निवेश, एआई आधारित विकास को नई रफ्तार
प्रदेश में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए अब तक ₹10,732 करोड़ का निवेश किया गया है। यह निवेश न केवल तकनीकी विकास को रफ्तार देगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण का अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
500 कॉलेजों में शुरू हुआ एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्स
उत्तर प्रदेश सरकार ने तकनीकी शिक्षा को और समृद्ध करते हुए 500 कॉलेजों में AI और क्लाउड कंप्यूटिंग के कोर्स शुरू किए हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को वैश्विक तकनीकी मानकों के अनुरूप तैयार करना है।
सुरक्षा और निगरानी में एआई की बड़ी छलांग
प्रदेश के 17 नगर निगमों में AI आधारित CCTV और SOS सिस्टम लगाए गए हैं। वहीं 70 जेलों में ‘जार्विस’ AI निगरानी सिस्टम सक्रिय किया गया है, जो कैदियों की गतिविधियों पर रियल टाइम नज़र रखता है।
10 लाख किसानों को मिल रही स्मार्ट खेती की सुविधा
AI तकनीक से 10 लाख से ज्यादा किसान अब स्मार्ट खेती कर रहे हैं। फसलों के विश्लेषण से लेकर सिंचाई और उर्वरक के उपयोग तक, सब कुछ AI से संचालित हो रहा है।
‘एआई प्रज्ञा’ योजना से 10 लाख लोग हो रहे प्रशिक्षित
उत्तर प्रदेश सरकार की ‘AI प्रज्ञा योजना’ के तहत अब तक 10 लाख से अधिक लोग एआई तकनीक में प्रशिक्षित हो चुके हैं। इससे न केवल स्किल डेवेलपमेंट को बढ़ावा मिला है, बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती मिली है।
माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इंटेल जैसी वैश्विक कंपनियों का सहयोग
इस एआई मिशन में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इंटेल जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों ने सहयोग दिया है। ये कंपनियां यूपी के टेक-इकोसिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।