उत्तराखंड को केंद्र सरकार से खनन सुधारों के लिए ₹100 करोड़ की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिली है। केंद्र के खान मंत्रालय ने 2025-26 की विशेष सहायता योजना (SASCI) के तहत राज्य को माइनर मिनरल्स रिफॉर्म्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यह राशि दी है। इससे पहले अक्टूबर 2025 में राज्य को एसएमआरआई रैंकिंग में दूसरा स्थान मिलने पर भी ₹100 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, जिससे राज्य को अब कुल ₹200 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने खनन क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं, जिसका परिणाम यह है कि उत्तराखंड ने खनन क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर कब्जा किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट में राज्य की सुधार प्रक्रिया की तारीफ की गई है, विशेष रूप से माइनर मिनरल रिफॉर्म्स से जुड़े 6 प्रमुख सुधारों के सफल कार्यान्वयन के लिए।
उत्तराखंड सरकार की पारदर्शी नीतियों और बेहतर प्रबंधन के कारण खनन क्षेत्र से सरकार को राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं और राज्य में खनन कारोबार से जुड़े व्यापारियों को भी लाभ हुआ है। राज्य में खनन गतिविधियों के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है, और निर्माण सामग्री के लिए सस्ते दामों पर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
केंद्र सरकार ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में उत्तराखंड के प्रदर्शन को सबसे बेहतर बताया है, और अब अन्य राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, हिमाचल, और जम्मू कश्मीर भी उत्तराखंड की खनन नीतियों का पालन कर रहे हैं।
उत्तराखंड की खनन नीतियों ने न केवल राज्य को खनन क्षेत्र में एक मजबूत और विश्वसनीय पहचान दिलाई है, बल्कि सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा दिया है। ई निलामी प्रणाली और सैटेलाइट निगरानी जैसे कदमों के माध्यम से अवैध खनन पर काबू पाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।















