प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को जमानत दे दी है। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है जिसमें उन्हें रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से दस साल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में आज़म खान ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी सजा को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था और अब, जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने आजम खान को जमानत दे दी है। साथ ही, इस मामले में ठेकेदार बरकत अली को भी जमानत मिली है। ठेकेदार ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की थी।
डूंगरपुर प्रकरण में रामपुर के थाना गंज में 2019 में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आज़म खान और उनके साथियों पर आरोप था कि उन्होंने 2016 में अब्रार नाम के व्यक्ति के साथ मारपीट की थी। इसके अलावा, अब्रार का घर तोड़ा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद, अब्रार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज़म खान और बरकत अली को सजा सुनाई थी।
रामपुर के डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर 12 मुकदमे दर्ज कराए थे, जिसमें लूटपाट, चोरी और मारपीट जैसे आरोप लगाए गए थे। इस फैसले से आज़म खान और बरकत अली को बड़ी राहत मिली है। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद, दोनों को जमानत मिल गई है और वे आगे की कानूनी प्रक्रिया का सामना कर सकेंगे।