Lucknow : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों पर भर्ती को निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि 7,952 आंगनबाड़ी कार्यकत्री और 61,254 आंगनबाड़ी सहायिकाओं के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए समय-सारिणी निर्धारित की जाए। प्रत्येक चरण के लिए स्पष्ट समय-सीमा तय की जानी चाहिए ताकि प्रदेश में एकरूपता बनी रहे। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन कर भर्ती प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्वीकृत 23,697 आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘सक्षम आंगनबाड़ी’ के रूप में विकसित किया जाए। इसमें पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, आरओ मशीन, एलईडी स्क्रीन, ईसीसीई सामग्री, बाल पेंटिंग और मिनर सिविल वर्क्स जैसे घटक शामिल होंगे। जिन जिलों में निर्माण और उन्नयन कार्य में प्रगति धीमी है, वहां विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य सचिव ने ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण को तेजी से पूरा कराने के निर्देश भी दिए, ताकि वे बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के लंबित प्रकरण अक्टूबर माह के अंत तक निस्तारित किए जाएं। अनावश्यक रूप से लंबित प्रकरणों पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण लीना जोहरी ने बताया कि रिक्त पदों में 2,123 पूर्व चयन पद, 5,523 मिनी आंगनबाड़ी पद और 306 नव सृजित पद शामिल हैं। इसी प्रकार, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के रिक्त पदों में 38,994 सेवानिवृत्ति या मृत्यु से खाली हुए और 22,260 नव सृजित पद शामिल हैं। कुल मिलाकर 69,206 रिक्त पदों को जल्द भरने की प्रक्रिया आरंभ की जा रही है।