इंदौर से निकला एक नवविवाहित जोड़ा — राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी — 20 मई को हनीमून पर मेघालय गया। लेकिन वहां से लौटकर सिर्फ एक की वापसी हुई — वो भी एक लाश के रूप में। 18 दिन तक सोनम का कोई सुराग नहीं मिला और फिर 9 जून को वह गाजीपुर के एक ढाबे पर गुमसुम हालत में बैठी मिली।
जब मेघालय पुलिस ने सोनम से पूछताछ की, तो उसने एक कहानी सुनाई — कि उन्हें शिलॉन्ग में किडनैप कर लिया गया, उसके पति राजा की हत्या कर दी गई और उसे अज्ञात हमलावर गाजीपुर में छोड़ गए।
लेकिन पुलिस को ये कहानी कुछ हजम नहीं हुई। सवाल उठा — अगर राजा को मारा गया तो सोनम को क्यों छोड़ा गया?
चौथे आरोपी की गिरफ्तारी के बाद खुला साजिश का राज
इस बीच जब पुलिस ने चौथे और अंतिम आरोपी आनंद कुर्मी को सागर (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार किया, तो पूरा प्लॉट सामने आया।
मेघालय के डीजीपी आई नोंगरांग ने सनसनीखेज खुलासा किया — सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर शादी से पहले ही हत्या की साजिश रच ली थी।
11 मई को राजा और सोनम की शादी हुई
20 मई को हनीमून के लिए शिलांग पहुंचे
और सिर्फ तीन दिन बाद यानी 23 मई को राजा की बेरहमी से हत्या कर दी गई
गाइड की गवाही बनी ब्रेकिंग पॉइंट
मावलखियात में काम करने वाले टूरिस्ट गाइड अल्बर्ट पीडी ने पुलिस को बताया कि उसने सोनम और राजा के साथ तीन अजनबी पुरुषों को देखा था, जो हिंदी में बातचीत कर रहे थे। यही गवाही जांच में सबसे अहम कड़ी बन गई।