India Post Payments Bank. भारत सरकार ने आज कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने अपनी 8 वर्षों की सेवाओं में 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों को जोड़ा, अरबों डिजिटल लेनदेन को सफलतापूर्वक संसाधित किया और देश भर में डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं को सक्षम किया।

संचार मंत्रालय के बयान में कहा गया कि अपनी स्थापना के बाद से, IPPB वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक के रूप में उभरा है। बैंक ने 1.64 लाख से अधिक डाकघरों और 1.90 लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) की पहुंच का लाभ उठाकर भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाई है।

IPPB को 2018 में लॉन्च किया गया था और तब से यह देशभर में डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि बैंक ने साझेदार संस्थानों के सहयोग से एंड-टू-एंड DBT संवितरण, पेंशन भुगतान, ऋण सुविधा, बीमा और निवेश उत्पादों का विस्तार किया है।

इसके अलावा, डिजिस्मार्ट, प्रीमियम आरोग्य बचत खाता, आधार आधारित फेस प्रमाणीकरण जैसी नई सेवाओं ने ग्राहक सुविधा और डिजिटल बैंकिंग की पहुँच को और बढ़ाया है। बैंक की अन्य पेशकशों में रुपे वर्चुअल डेबिट कार्ड, AEPS (आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं), सीमा-पार प्रेषण और भारत बिलपे एकीकरण शामिल हैं, जिसने IPPB को जमीनी स्तर पर व्यापक वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित किया है।

सरकार का कहना है कि IPPB की ये उपलब्धियां भारत में डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को नई ऊँचाईयों पर ले जा रही हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाखों लोग सुलभ और भरोसेमंद बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

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