इंडिगो की बाजार पूंजीकरण $23.3 अरब पहुंची, डेल्टा एयरलाइंस और रयानएयर को पछाड़ा
भारतीय बजट एयरलाइन इंडिगो ने हाल ही में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइन का दर्जा प्राप्त किया। कंपनी की बाजार पूंजीकरण मंगलवार को ₹2 लाख करोड़ ($23.3 अरब) के आंकड़े को छू गई, जो डेल्टा एयरलाइंस और रयानएयर होल्डिंग्स से भी अधिक है।
शेयर मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि
वर्ष 2025 में अब तक, इंडिगो के शेयर मूल्य में 13% की वृद्धि देखी गई है, जबकि व्यापक भारतीय बाजार में इस दौरान 6% की गिरावट आई है। यह वृद्धि कंपनी की मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी का संकेत है।
वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की उम्मीदें
हालांकि, कोविड के बाद के वर्षों में कंपनी को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, विशेष रूप से Q2FY25 में ₹987 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था। विश्लेषकों का मानना है कि बेहतर किराया, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और उच्च सीट क्षमता के कारण इंडिगो चौथी तिमाही में ₹2,300 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कर सकता है। FY25 में प्री-टैक्स लाभ ₹8,600 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
आगे की रणनीतियाँ
इंडिगो ने FY26 में अपनी उपलब्ध सीट किलोमीटर (ASK) में दोहरे अंक की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। कंपनी के पास वर्तमान में 439 विमान हैं, जिनमें से 50 ग्राउंडेड हैं, और FY26 में लगभग 50 नए विमानों के शामिल होने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय मार्गों को अगले पांच वर्षों में वृद्धि का प्रमुख स्रोत मानते हुए, इंडिगो FY30 तक अपनी ASK का 40% अंतरराष्ट्रीय मार्गों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है, जो FY25 में 28% था।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र में इंडिगो की भूमिका
इंडिगो की सफलता भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र में इसके प्रमुख स्थान को प्रदर्शित करती है। कंपनी की बाजार पूंजीकरण में वृद्धि और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि इंडिगो भारतीय और वैश्विक विमानन उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है।