जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएसबी) प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में नकल और डमी उम्मीदवारों को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक स्कैन, सीसीटीवी निगरानी और मेटल डिटेक्टर लागू करेगा।
बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने शनिवार को घोषणा की कि ये उपाय फरवरी में जूनियर इंजीनियर (जेईएन) भर्ती परीक्षा से लागू किए जाएंगे।
राज ने कहा कि प्रवेश द्वार पर और यदि आवश्यक हुआ तो परीक्षा के दौरान भी अभ्यर्थियों की मेटल डिटेक्टर से जांच की जाएगी। प्रत्येक उम्मीदवार की पहचान सत्यापित करने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन, फेस स्कैन और आईरिस स्कैन का उपयोग किया जाएगा। सभी परीक्षा कक्षों में रिकॉर्डिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे होंगे, साथ ही पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए वीडियोग्राफी भी होगी। उन्होंने कहा, इन कदमों का उद्देश्य डमी उम्मीदवारों को खत्म करना और धोखाधड़ी को रोकना है।
राज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अतीत में, डमी उम्मीदवारों के कई मामले सामने आए थे, जिनमें नकली आधार कार्ड का उपयोग, मर्ज की गई तस्वीरें और हेरफेर किए गए हस्ताक्षर शामिल थे। प्रारंभ में, बोर्ड ने इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए हस्तलेखन नमूना संग्रह की शुरुआत की। अब बायोमेट्रिक और उन्नत सुरक्षा प्रणाली लागू होने से ऐसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा।
830 रिक्त पदों को भरने के लिए जेईएन भर्ती परीक्षा 6 फरवरी से 11 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। इस नई प्रणाली से सभी उम्मीदवारों के लिए परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने की उम्मीद है।

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