नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैश्नव ने सेमीकंडक्टर उद्योग और उसकी भारत की प्रगति में भूमिका पर विस्तार से लिखा। उन्होंने बताया कि पहले कंप्यूटर विशाल मशीनें होती थीं, जिनमें हजारों वैक्यूम ट्यूब होते थे। आज वही कार्य अब एक छोटे चिप में किया जा रहा है, जो आपके अंगूठे जितनी छोटी जगह में अरबों ट्रांजिस्टर के जरिए काम करती है। ये चिप्स मोबाइल, कार, ट्रेन, टीवी, फैक्ट्री मशीनों और अंतरिक्ष उपग्रहों तक को संचालित करती हैं।
वैश्नव ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए ऐसे मूलभूत उद्योग आवश्यक हैं, जैसे स्टील, पावर, ट्रांसपोर्ट, टेलीकॉम, कैमिकल्स और सबसे अहम सेमीकंडक्टर। यह चिप्स डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव हैं। इनके बिना आधुनिक संचार, डेटा प्रोसेसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा या सुरक्षा प्रणाली संभव नहीं है।
कोविड महामारी ने चिप्स की अहमियत को स्पष्ट किया। वैश्विक चिप सप्लाई में बाधा आने से ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योग प्रभावित हुए। आज सेमीकंडक्टर वैश्विक भू-राजनीति का केंद्र बन गए हैं। चिप निर्माण केवल कुछ ही देशों में केंद्रित है, जिससे किसी भी आपदा या उत्पादन रुकावट का असर पूरी दुनिया में दिखता है।
वैश्नव ने जोर देकर कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण में सक्षम बनना होगा, ताकि वह स्वास्थ्य, सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्र में किसी पर निर्भर न रहे। यह केवल उद्योग नहीं, बल्कि देश के भविष्य को आकार देने की दिशा है। अश्विनी वैश्नव का संदेश स्पष्ट है: सेमीकंडक्टर में मजबूत भारत ही डिजिटल और औद्योगिक रूप से सशक्त भारत सुनिश्चित कर सकता है।