Potato Innovation Centre Agra. उत्तर प्रदेश की धरती अब सिर्फ खेती की परंपरा नहीं निभाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर कृषि नवाचार का नेतृत्व भी करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर कंद फसलों के अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। पेरू स्थित इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) का साउथ एशिया रीजनल सेंटर (CSARC) अब उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद के सिंगना गांव में स्थापित किया जाएगा।
इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए भारत सरकार ने 111.50 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी है, जिससे यह केंद्र आने वाले वर्षों में न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में आलू व अन्य कंद फसलों के नवाचार का प्रमुख केंद्र बन सकेगा।
योगी सरकार की रणनीतिक पहल को अंतरराष्ट्रीय समर्थन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाल ही में हुई मुलाकात में CIP के महानिदेशक डॉ. सिमोन हेक ने इस परियोजना को यूपी के किसानों के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा यह केंद्र किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को दक्षिण एशिया का आलू इनोवेशन हब बना देगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि यह केवल आलू तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य कंद फसलों जैसे शकरकंद, अरबी, सूरन आदि पर भी अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाएगी।
बीज नवाचार से लेकर वैल्यू चेन तक होगा व्यापक फोकस
यह केंद्र अनुसंधान एवं विकास के कई प्रमुख पहलुओं पर कार्य करेगा, जिसमें शामिल हैं-
बीज नवाचार – गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन और वितरण
कटिंग एज टेक्नोलॉजी – पौधों की वृद्धि व रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
जर्मप्लाज्म संरक्षण – कंद फसलों की दुर्लभ किस्मों का संरक्षण
वैल्यू चेन विस्तार – भंडारण, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में सुधार
इससे किसानों को न केवल उपज में वृद्धि मिलेगी, बल्कि फसल का बेहतर मूल्य भी प्राप्त होगा।
आगरा को मिलेगा वैश्विक कृषि मानचित्र पर विशेष स्थान
सिंगना गांव में बनने वाला यह अंतरराष्ट्रीय केंद्र उत्तर भारत के किसानों के लिए तकनीकी मार्गदर्शन का मुख्य केंद्र बनेगा। आलू उत्पादन में भारत का योगदान पहले से ही वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है और यह परियोजना उस क्षमता को वैश्विक नवाचार से जोड़कर और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। इसके अलावा यह केंद्र कृषि विज्ञान से जुड़े शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए भी अवसरों के नए द्वार खोलेगा।
प्रधानमंत्री के विजन ‘डबल इनकम’ की दिशा में एक ठोस कदम
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “2022 तक किसानों की आय दोगुनी” के विजन से भी जुड़ी हुई है। योगी सरकार के अनुसार, इस प्रकार के नवाचार-आधारित मॉडल्स से न केवल राज्य में कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होगा, बल्कि युवा उद्यमियों के लिए रोजगार और शोध के नए रास्ते भी खुलेंगे।
उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है कि किसी अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संगठन का क्षेत्रीय मुख्यालय सीधे राज्य के गांव में स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी की पहल और केंद्र सरकार के सहयोग से कंद फसलों पर आधारित यह वैश्विक केंद्र भविष्य में राज्य को कृषि नवाचार और निर्यात में अग्रणी बनाएगा।