साल 2012 में जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो सबसे बड़ा मुद्दा था कि सीएम कौन बनेगा ? शिवपाल यादव ने भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि वे चाहते थे कि नेता जी मुख्यमंत्री बनें एक साल के लिए उसके बाद दारोमदार अखिलेश को सौंप दिया जाए। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी में अंतर्कलह और विवाद भी थे, लेकिन पिता का समर्थन अखिलेश के पक्ष में था वे चाहते थे कि अखिलेश राज्य के मुखिया बनें और शुरू से ही कुर्सी संभालें। इसी के बाद विधायक दल की बैठक में आजम खान ने उनके नाम का प्रस्ताव आगे रखा और सभी ने सहमति जताई।
ऐसा करने के पीछे कई कारण थे:
-सपा को नया, युवा नेतृत्व देने की रणनीति।
-परिवार के भीतर सत्ता हस्तांतरण को सुरक्षित करना।
-यूपी की राजनीति में युवा वोटरों को आकर्षित करना।