अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद अब मृतकों की पहचान एक बड़ी चुनौती बन गई है। हादसे में कई शव इस कदर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में प्रशासन ने DNA जांच के जरिए शवों की पहचान करने का निर्णय लिया है।
🚨अहमदाबाद : विमान हादसे के बाद DNA सैंपल की प्रक्रिया शुरू🚨
🛬 अहमदाबाद में विमान हादसे का मामला
🧬 मृतकों के परिजनों से DNA सैंपल मांगे गए
🏥 सिविल अस्पताल प्रशासन ने DNA सैंपल मांगे
🔬 सिविल अस्पताल में DNA सैंपल की जांच होगी
💉 सिविल अस्पताल में 50 घायलों का इलाज जारी
🧾… pic.twitter.com/Y7wnKDy20A— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) June 12, 2025
सिविल अस्पताल प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से DNA सैंपल मांगे हैं।
DNA सैंपल की जांच अहमदाबाद सिविल अस्पताल में ही की जा रही है।
अस्पताल में करीब 50 घायल यात्री अब भी इलाजरत हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे में विमान के कई हिस्सों में आग लग गई थी, जिससे कई शव जल चुके हैं।
क्यों जरूरी है DNA जांच?
शवों की हालत इतनी गंभीर है कि केवल दृश्य पहचान (Visual Identification) से उनकी शिनाख्त संभव नहीं। इसीलिए वैज्ञानिक पद्धति से DNA मिलान के जरिए पुष्टि की जाएगी कि कौन-सा शव किस पीड़ित से संबंधित है।
सिविल अस्पताल प्रशासन ने सभी मृतकों के परिजनों से जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचकर DNA सैंपल देने की अपील की है, ताकि शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंपा जा सके।
यह हादसा न सिर्फ तकनीकी सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि अब पीड़ित परिवारों की भावनात्मक पीड़ा भी चरम पर है। प्रशासन और डॉक्टर लगातार घायलों के इलाज और शवों की पहचान के लिए प्रयासरत हैं।