लखनऊ। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे का शिकार क्यों हुई, इसकी जांच रिपोर्ट अब सामने आ चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार इस विमान दुर्घटना का कारण कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि एक ₹1,200 की पिन थी, जिसकी मरम्मत के बाद उचित निरीक्षण नहीं किया गया था। इस मानवीय चूक ने 270 लोगों की जान ले ली।
टेकऑफ़ के 38 सेकंड में ही हादसा
एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान संख्या VT-ANP ने 13 जून को दोपहर 1:39 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी। उड़ान भरने के सिर्फ 38 सेकंड बाद विमान अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल ब्लॉक से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 230 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 28 ग्राउंड स्टाफ मौजूद थे।
एक मामूली सी चूक ने लिया विकराल रूप
जांच में सामने आया कि टेकऑफ़ के दौरान कैप्टन की सीट की रेल में लगी एक छोटी सी धातु की पिन टूट गई थी। यह पिन 1 जून को बदली गई थी, लेकिन मरम्मत के बाद उसका निरीक्षण नहीं किया गया था। पिन टूटते ही कैप्टन की सीट पीछे सरक गई और प्रतिक्रिया स्वरूप उनका हाथ थ्रॉटल लीवर पर चला गया, जिससे दोनों इंजन आइडल मोड में चले गए और विमान ने रफ्तार खो दी। इस दुर्घटना में सिर्फ एक यात्री, ब्रिटेन निवासी विवशकुमार रमेश, जीवित बच पाए, जो कि सीट 11A पर बैठे थे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह विमान से निकलने में सफल रहे।
FDR और CVR से खुलासा
भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को 13 और 16 जून को ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) मिले। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों इंजन पूरी तरह सामान्य रूप से काम कर रहे थे। थ्रॉटल को गलती से “आइडल” पर लाने से इंजन बंद हुए। इंजन बंद होते ही RAT सिस्टम (Ram Air Turbine) सक्रिय हो गया, जो पुष्टि करता है कि मुख्य पावर सप्लाई बंद हो चुकी थी।
DGCA का सख्त रुख
दुर्घटना के बाद भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच के आदेश दिए। इनमें से 26 विमान सुरक्षित पाए गए, लेकिन 66 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। DGCA ने अब सभी एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे अपने विमानों के रखरखाव में हर पुर्जे को ‘क्रिटिकल’ मानकर जांच करें। DGCA के प्रमुख विक्रम देव ने कहा अब हर पिन और बोल्ट को गंभीरता से देखा जाएगा। सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
वैश्विक चिंता और जवाबदेही
दुर्घटना के बाद अमेरिका की NTSB, यूरोपीय संघ की EASA, और विमान निर्माता Boeing व इंजन निर्माता GE Aerospace ने भी संयुक्त जांच की। Boeing ने हालांकि खुद को सीधे दोषमुक्त बताया है, लेकिन उसके डिज़ाइन और सीट स्ट्रक्चर की समीक्षा की जा रही है।
Boeing के CEO केली ऑर्टबर्ग ने एक बयान में कहा हम जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।
लापरवाही की बड़ी कीमत
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी कम ऊंचाई (650 फीट) पर पायलट की एक छोटी सी गलती भी जानलेवा हो सकती है। इस हादसे ने विमानन उद्योग को यह कड़ा संदेश दिया है कि हर स्क्रू, हर पिन की समय पर और सटीक जांच अनिवार्य है।