उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जातीय भेदभाव और घृणा की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां शनि मंदिर में माथे पर तिलक लगाने के बाद एक दलित युवक को सिर्फ उसकी जाति के कारण बेरहमी से पीटा गया।

पीड़ित युवक राजू जाटव ने बताया कि वह शनि मंदिर में पूजा करने गया था और उसने माथे पर तिलक लगाया। तिलक लगाने के बाद कुछ लोगों ने उसकी जाति पूछी। जब राजू ने खुद को जाटव (दलित) बताया, तो उन दबंगों ने उसे मुसलमान कहते हुए पीटना शुरू कर दिया।

राजू का कहना है, “मैं बार-बार कहता रहा कि मैं हिन्दू हूं, जाटव समाज से हूं, फिर भी मुझे नहीं छोड़ा गया।”
मारपीट में राजू का एक हाथ टूट गया, शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आई हैं।

पीड़ित ने पहले चौकी और थाना खैर में मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में वह एसएसपी कार्यालय तक पहुँचा।

मामले ने और भी ज्यादा तूल तब पकड़ा जब पुलिस ने दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय खुद पीड़ित राजू के खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी। मंदिर के पुजारी की शिकायत पर FIR में यह आरोप लगाया गया कि राजू ने मूर्ति को दूषित किया है।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या भारत के मंदिरों में तिलक लगाने का अधिकार भी जाति देखकर तय होगा?
अलीगढ़ में इस घटना के बाद तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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