अलास्का में 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात होने जा रही है। यह बैठक दोनों देशों के बीच वर्तमान तनाव को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मुलाकात से पहले यूक्रेन को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलाडिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि बिना यूक्रेन के सहमति के कोई भी समझौता संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि दोनों नेता बातचीत कर सकते हैं, लेकिन उनकी जमीन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यूक्रेन की यह शर्त बैठक के माहौल को गंभीर और संवेदनशील बनाती है।
इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनीतिक मसलों के अलावा आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। ट्रंप और पुतिन की इस बातचीत से विश्व स्तर पर शांति और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत मिलने की उम्मीद है।
विशेष रूप से यूक्रेन की स्थिति को लेकर तय सीमा और शर्तें इस बैठक के नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं। यह मुलाकात अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकती है, जिसका असर आने वाले महीनों में वैश्विक सुरक्षा पर देखा जाएगा।