USA Visa Update Rahul Gandhi Statement. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को H-1B वीजा नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की। नए नियमों के तहत H-1B वीजा शुल्क को सालाना 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया जाएगा, जिससे सबसे अधिक असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की संभावना है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से अमेरिका में काम करने वाले भारतीय तकनीकी और पेशेवर कर्मचारियों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव विल शार्फ ने कहा कि H-1B गैर-प्रवासी वीजा कार्यक्रम अमेरिका की वर्तमान आव्रजन प्रणाली में सबसे अधिक दुरुपयोग की जाने वाली प्रणालियों में से एक है।

ट्रंप का बयान

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस बदलाव से केवल उच्च कुशल कामगारों को ही अमेरिका में आने की अनुमति मिलेगी, जो उन क्षेत्रों में काम करेंगे जहां अमेरिकी कामगार उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिकी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कंपनियों के लिए वास्तविक रूप से असाधारण प्रतिभाओं को अमेरिका लाने के लिए है। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक की मौजूदगी में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।

हॉवर्ड लुटनिक का बयान

वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने बताया कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष औसतन 281,000 लोग प्रवेश पाते हैं, जिनकी आमदनी लगभग 66,000 अमेरिकी डॉलर होती है और सरकारी सहायता कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी औसतन पांच गुना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि अब केवल असाधारण और शीर्ष कौशल वाले लोगों को ही लाया जाएगा, न कि वे लोग जो अमेरिकी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इस बदलाव का उद्देश्य नए व्यवसाय और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के पास इस चुनौती का सामना करने के लिए एक कमजोर प्रधानमंत्री है।

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