अमेरिका ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए 12 देशों के नागरिकों के लिए अपने दरवाज़े बंद कर दिए हैं। ट्रंप सरकार ने इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा है और कहा है कि ये कदम अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी था। यह ट्रैवल बैन 9 जून 2025 से लागू होगा।
किन देशों पर लगा है पूर्ण ट्रैवल बैन?
इन 12 देशों के नागरिकों को अमेरिका में एंट्री नहीं मिलेगी — न टूरिस्ट वीजा, न स्टूडेंट, न ही इमिग्रेशन….
- ईरान (Iran)
- अफगानिस्तान (Afghanistan)
- म्यांमार (Myanmar)
- चाड (Chad)
- कांगो (Congo)
- इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea)
- इरिट्रिया (Eritrea)
- हैती (Haiti)
- लीबिया (Libya)
- सोमालिया (Somalia)
- सूडान (Sudan)
- यमन (Yemen)
सरकार का कहना है कि इन देशों के सिस्टम सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते। ऐसे में इन देशों को “हाई-रिस्क” श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यहां की सरकारें या तो अमेरिका की सुरक्षा प्रक्रिया से सहयोग नहीं कर रही हैं, या फिर वहां आतंकवाद, गृहयुद्ध और अस्थिरता का माहौल है।
इन 7 देशों पर आंशिक प्रतिबंध
कुछ देशों पर पूरी पाबंदी नहीं, लेकिन सीमित वर्गों के यात्रियों के लिए प्रतिबंध लागू किया गया है.. उदाहरण के तौर पर, सरकारी अधिकारियों, रक्षा कर्मियों या कुछ प्रकार के वीजा होल्डर्स पर यह बैन लागू हो सकता है….
- बुरुंडी (Burundi)
- क्यूबा (Cuba)
- लाओस (Laos)
- सिएरा लियोन (Sierra Leone)
- टोगो (Togo)
- तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan)
- वेनेजुएला (Venezuela)
इन देशों की वीजा वेरिफिकेशन और बैकग्राउंड चेक प्रक्रिया अमेरिका के मानकों पर खरी नहीं उतरती। यही नजह हैं कि इन देशों से आने वाले कुछ यात्रियों को वीज़ा या एंट्री में रुकावट झेलनी पड़ेगी।
ट्रंप सरकार का तर्क क्या है?
सरकार का दावा है कि यह कदम अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रशासन के मुताबिक, यह फैसला “राष्ट्रहित” में है और सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
हालांकि, इस कदम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं, खासकर उन देशों से जो सीधे प्रभावित हुए हैं।