A memorial will be built in the name of Netaji in Saifai. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें उनके पैतृक गांव सैफई में पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सपा महासचिव शिवपाल यादव, राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव, रामजी लाल सुमन और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस स्थल पर दिवंगत नेता को समर्पित एक स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा यह नेताजी के नाम पर एक स्मारक होगा, सभी समाजवादियों के लिए एक प्रेरणास्थल। यह पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और नेताजी के विचार हमेशा हमारे बीच जीवित रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगले वर्ष 22 नवंबर, 2026 को नेताजी के जन्मदिन पर इस स्मारक का उद्घाटन बड़े कार्यक्रम के साथ किया जाएगा।

अखिलेश यादव ने पुण्यतिथि के अवसर पर संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी उनके बताए मार्ग पर चलते हुए किसानों, मजलूमों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और मुसलमान भाइयों के लिए संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेताजी ने समाजवाद और सेकुलरिज्म को हमेशा मजबूत बनाने का काम किया।

समाजवादी आंदोलन में मुलायम सिंह का योगदान

राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने बताया कि मुलायम सिंह यादव का समाजवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान था। उन्होंने कहा कि 1977 में समाजवादी धड़े जनता पार्टी में विलीन हो गए थे और तब देश में समाजवादी आंदोलन लगभग समाप्त हो गया था। लेकिन 1992 में मुलायम सिंह यादव ने देशभर के समाजवादियों को एकजुट कर समाजवादी पार्टी का निर्माण किया। सुमन ने कहा कि समाजवादी विचारधारा तब तक प्रासंगिक रहेगी, जब तक समाज में लाचारी, बेरोजगारी और असमानता मौजूद हैं।

जनसाधारण के प्रति समर्पण और मदद

वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने बताया कि दिवंगत नेता का जनाधार पार्टी से बहुत आगे तक फैला हुआ था। उन्होंने कहा नेताजी ने अपने पूरे जीवन में कभी किसी की मदद से गुरेज नहीं किया, चाहे वह दूसरी पार्टी का व्यक्ति हो या कोई आम नागरिक। गरीबों और वंचित वर्गों को उन्होंने हमेशा सम्मान और अवसर दिया।

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर

मुलायम सिंह यादव (1939-2022) तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार भारत के रक्षा मंत्री रहे। उन्हें वरिष्ठ समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया से प्रेरणा मिली। यादव अपने गहरे जमीनी जुड़ाव और पिछड़े वर्ग के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई बार विधायक और सांसद के रूप में सेवा दी। 10 अक्टूबर 2022 को 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ और उनका अंतिम संस्कार सैफई में किया गया।

Akhilesh Yadav ने कहा BJP सरकार चुन-चुन कर समाजवादियों और गरीबों के घर बुलडोजर चलवा रही है

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