चंडीगढ़। पंजाब की माझा बेल्ट में शिरोमणि अकाली दल (बादल) को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। तरनतारन से तीन बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता हरमीत सिंह संधू ने मंगलवार को अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
संधू को आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में शामिल कराया। इस मौके पर आप के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
हरमीत संधू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा करीब 30 वर्षों से मैं सियासत में हूं। तरनतारन की जनता ने हमेशा मुझे सिर आंखों पर बिठाया। मगर अब समय बदल चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने बीते तीन वर्षों में साफ नीति और नीयत के साथ जो कार्य किए हैं, उन्होंने मुझे प्रेरित किया कि मैं इस नई राजनीति का हिस्सा बनूं।
संधू ने आगे कहा कि वह बेअदबी के मामलों पर आप सरकार द्वारा विधानसभा में लाया गया सख्त कानून देखकर भी प्रभावित हुए हैं। उनके मुताबिक यह कानून पंजाब और सिख समाज के लिए बहुत जरूरी था।
2002 में बने थे निर्दलीय विधायक
हरमीत सिंह संधू ने 2002 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2007 और 2012 में अकाली दल के टिकट पर लगातार विधायक बने। 2017 और 2022 में वह भले ही हार गए, लेकिन तरनतारन में उनका प्रभाव कायम रहा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर कहा जब हम छोटे थे, तब से हरमीत संधू चुनाव जीतते आए हैं। उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव का लाभ अब आम आदमी पार्टी को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में उन सभी नेताओं का स्वागत है, जो पारंपरिक दलों में घुटन महसूस करते हैं और साफ-सुथरी राजनीति करना चाहते हैं।
माझा में बढ़ेगी ‘आप’ की पकड़
हरमीत संधू के पार्टी में शामिल होने से न केवल तरनतारन बल्कि पूरे माझा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की पकड़ और मजबूत होने की संभावना है। संधू की स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ और सिख संगतों में विश्वसनीयता को पार्टी भुनाने की रणनीति बना सकती है।