16 जनवरी 2025 को भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब उसने एक बिना चालक यान के डॉकिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस सफलता के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है, जिसने इस जटिल तकनीक को प्रदर्शित किया। इसरो के लिए यह सफलता भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
स्पेस डॉकिंग प्रयोग (SpaDeX) के तहत दो छोटे यान, टार्गेट और चेसर, जिनका वजन लगभग 220 किलोग्राम था, 30 दिसंबर को भारतीय PSLV रॉकेट से लॉन्च किए गए थे। 11 जनवरी को इन यानों ने सफलतापूर्वक डॉकिंग की। यह तकनीकी उपलब्धि भविष्य में उपग्रहों की सर्विसिंग, अंतरिक्ष निर्माण, और चंद्रमा पर मानव मिशनों के लिए रास्ता खोलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। डॉकिंग तकनीक भविष्य में उपग्रहों की सर्विसिंग, मानव अंतरिक्ष उड़ान और अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए आवश्यक होगी। SpaDeX मिशन में डॉक किए गए यानों के बीच बिजली का हस्तांतरण भी हुआ, जो भविष्य में लंबी अवधि के मिशनों और अंतरिक्ष रोबोटिक्स के लिए उपयोगी साबित होगा।