लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन लगभग 40 विशेषज्ञ वक्ताओं ने साइबर सुरक्षा, डिजिटल साक्ष्य और डेटा संरक्षण पर व्याख्यान दिए। संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी और अपर निदेशक श्री राजीव मल्होत्रा ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत और सम्मान किया।

UIDAI CEO भुवनेश कुमार का संदेश

आधार नागरिकता, पता या जन्मतिथि का प्रमाण नहीं, केवल पहचान सत्यापन के लिए उपयोगी
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम से डेटा सुरक्षा मजबूत होगी
विदेशी नागरिकों को भी आधार जारी

साइबर अपराध और डिजिटल साक्ष्य पर मुख्य बिंदु

  • पुलिस उपमहानिरीक्षक पवन कुमार ने कहा कि साइबर अपराध से मुकाबला सभी क्षेत्रों का समन्वित प्रयास मांगता है
  • सेवानिवृत्त न्यायाधीश तलबंत सिंह ने डिजिटल साक्ष्य की वैधता और BSA के अंतर्गत नियमों की व्याख्या की
  • विशेषज्ञों ने साइबर शिक्षा, क्रिप्टो स्कैम और डिजिटल ऑडिट की जरूरत पर जोर दिया

UPSIFS की वैश्विक पहचान

डॉ. जी.के. गोस्वामी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि UPSIFS एक दिन अपनी गुणवत्ता और विशेषज्ञता के लिए दुनिया भर में जाना जाएगा।

समूह सत्र के मुख्य विशेषज्ञ और चर्चाएँ

  • IPS अमित कुमार, डॉ. अमित दुबे, श्री अतुल कुमार ओझा – साइबर अपराध रोकथाम, पहचान और अभियोजन
  • पवन शर्मा – डिजिटल ऑडिट और जोखिम प्रबंधन
  • डॉ. मनीष राय, कर्नल पंकज वर्मा, अभीर नायक – कानूनी, नैतिक, तकनीकी ढांचा और देशी साइबर सुरक्षा समाधान

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