Teej tayohar : हरे रंग को भक्ति और सिंगार का प्रतीक माना जाता है.
खास बातें
- हरा रंग भक्ति और सिंगार का प्रतीक है.
- हरे रंग को प्रकृति का भी रंग माना जाता है.
- इस रंग को अखंड सौभाग्य का भी रंग कहा जाता है.
Green color importance on hariyali teej : हरियाली तीज इस साल 31 जुलाई को देश में मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सेहत की कामना करती हैं. शिव (shiva) और पार्वती (parvati) की पूजा अर्चना किया जाने वाले इस व्रत में विवाहित स्त्रियां हरे रंग की साड़ी, चूड़ी, बिंदी आदि लगाती हैं. उनके सिंगार में हरे रंग की अधिकता ज्यादा मिलती है. आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं तो इस आर्टिकल में जानिए स्त्रियां क्यों हरियाली तीज में इस रंग के ही कपड़े पहनती हैं और इसका महत्व क्या है.
हरियाली तीज में हरे रंग का महत्व | Hariyali teej green color significance
हरियाली तीज में हरा रंग पहनने के पीछे की खास वजह यह है कि इसको भक्ति और सिंगार का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस रंग को तीज त्योहार में विशेष महत्व दिया जाता है. इस व्रत को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. साथ ही यह प्रकृति का भी रंग माना जाता है. यही वजह है कि महिलाओं का यह रंग प्रिय होता है.
हरियाली तीज व्रत शुभ मुहूर्त | Hariyali teej vrat shubh muhurat
हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 जुलाई 2022 दिन रविवार को सुबह 3 बजे से शुरू होकर अगले दिन 1 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 04 : 20 मिनट पर होगा.
हरियाली तीज का महत्व | Significance of hariyali teej
विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य और सुहाग के लिए व्रत रखती हैं जबकि कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए. इसके अलावा यह व्रत परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहे उसके लिए भी रखा जाता है.
पूजा विधि | Puja vidhi
इस व्रत में महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं जो उनके मायके से ससुराल भेजा जाता है. इसमें स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान महिलाएं भजन व लोक नृत्य भी करती हैं. इस व्रत में मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)