CBI ने केस में नए सिरे से तलाशी ली है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने DHFL (Dewan Housing Finance Ltd.) की संलिप्तता वाले देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सिलसिले में नए सिरे से तलाशी ली है, जिसमें भारत के मशहूर चित्रकारों एफ.एन.सूजा और एस.एच.रजा की पेंटिंग भी मिली है. इनकी कीमत करीब 5.5 करोड़ रुपये है. अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के बाद जब्त करीब 12 करोड़ रुपये के लग्जरी सामान में एस.एच.रजा द्वारा 1956 में कैनवास पर ‘विलेज’ शीर्षक से बनाई गई ऑयल पेंटिंग और एफ.एन.सूजा द्वारा वर्ष 1964 में लिनन (कपड़े) पर बनाई गई बिना शीर्षक की तस्वीर शामिल है, जिनकी कीमत क्रमश: 3.5 करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये है.
यहां जारी बयान में कहा गया कि छापेमारी के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने जैकेब ऐंड कंपनी और फ्रैंक मुलर जिनेवा की दो अति लग्जरी घड़ियां भी जब्त की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है.
सीबीआई दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन से गत नौ दिनों से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि उन्होंने इन पेंटिंग को मुंबई के फोर्ट स्थित एक नीलामी घर से खरीदा था. उन्होंने बताया कि सीबीआई को जब इन सामान के ठिकाने की जानकारी मिली तो उसने छापेमारी की कार्रवाई कर इन संपत्तियों को जब्त कर लिया. अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी के दौरान सीबीआई को कंगन और हार सहित सोने और हीरे के गहने मिले हैं, जिनकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है.
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बता दें कि करीब 20 दिन पहले सीबीआई ने चित्रकार तयब मेहता की पेंटिंग ‘बुल’ और मंजीत बावा की बिना शीर्षक की तस्वीर बरामद की थी जिनकी कीमत क्रमश: 27 करोड़ रुपये और 7.7 करोड़ रुपये है. सीबीआई ने कहा था कि मेहता और बावा द्वारा बनाई गई कलाकृतियां बड़ी संख्या में मिली तस्वीरों, मूर्तियों का हिस्सा है, जिनकी कुल कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है. एजेंसी ने बताया कि इस दौरान नकदी और अपराध में संलिप्तता के संकेत वाले दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
बयान के मुताबिक, ‘जांच के दौरान पाया गया कि प्रवर्तकों ने कथित गबन से प्राप्त धन का अन्य क्षेत्रों में निवेश किया. यह भी आरोप है कि प्रवर्तकों ने गबन की गई राशि का इस्तेमाल महंगी पेंटिंग और कलाकृतियां खरीदने में किया.’
अधिकारियों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने DHFL और वधावन बंधुओं पर 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया, जो एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे इस तरह के मामलों में सबसे बड़ा था.
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