Petrol Diesel News : पेट्रोल डीजल और टर्बाइन फ्यूल एक्सपोर्ट ड्यूटी कटौती
नई दिल्ली:
वित्त मंत्रालय ने एक अहम फैसले में बुधवार को पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (fuel)पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कटौती का एलान कर दिया. घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन पर लगाए गए सेस (Cess) को भी 27% तक घटा दिया गया है. अंतराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आयी गिरावट को देखते हुए ये बफ़ैसला किया गया है. हालाँकि इन फैसलों का पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भारत से पेट्रोल-डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल का एक्सपोर्ट करने वाली तेल कंपनियों के लिए वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कुछ राहत देने का ऐलान किया. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, तेल के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी घटी है. पेट्रोल पर 6 रुपये की स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को खत्म करने का फैसला किया गया है जबकि डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में ₹2 प्रति लीटर की कटौती की गई है.
कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर लगने वाले सेस को मौजूदा ₹ 23,250 प्रति टन से घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. पेट्रोल-डीजल, ATF और घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन पर कर घटाने का फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है जब अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर मंदी के बादल गहराते जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की मांग घटने की वजह से तेल की कीमतों में कुछ गिरावट दर्ज हुई है. वित्त मंत्रालय ने 1 जुलाई, 2022 को जब पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया था उस दौरान कुछ राज्यों से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई में कमी की शिकायत आ रही थी. कुछ तेल कंपनियां भारत में उपभोक्ताओं को पेट्रोल-डीजल बेचने की जगह मुनाफा कमाने के लिए ज्यादा एक्सपोर्ट करने लगे थे.
इस महीने अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार में हालात भी बदले हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक, जून, 2022 में क्रूड आयल (इंडियन बास्केट) की औसत कीमत 116.01 डॉलर प्रति बैरल थी. 20 जुलाई तक क्रूड आयल (इंडियन बास्केट) की औसत कीमत घट कर 105.47 प्रति बैरल रह गयी है, यानी 9% सस्ता हो गया है. PHDCCI मुख्य अर्थशास्त्री SP शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, “सरकार ने अंतराष्ट्रीय बाजार के हालात को देखते हुए तेल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला किया है. अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में हालात डायनैमिक है और तेज़ी से बदल रहे हैं… सरकार को समय समय पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को रिकैलिब्रेट करते रहना होगा.” ज़ाहिर है, कच्चा तेल कुछ सस्ता जरूर हुआ है. लेकिन आम लोगों को फिलहाल बढ़ी हुई पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत के लिए इंतज़ार करना होगा.