प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली :
जुलाई माह में माल ओर सेवा कर संग्रह (Goods and Services Tax collection) ₹ 1,48,995 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो किसी पिछले साल इसी माह की तुलना में 28 फीसदी ज्यादा है. वर्ष 2017 में GST लागू किए जाने के बाद से यह दूसरा सबसे अधिक राजस्व है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस पूरी राशि में सीजीएसटी (CGST) ₹ 25,751 करोड़ ,एसजीएसटी (SGST)32,807 करोड़, आईजीएसटी (32,807) ₹ 79,518 करोड़ (माल के आयात पर एकत्रित ₹ 41,420 करोड़ सहित) और सेस (cess) ₹ 10,920 करोड़( (माल के आयात पर एकत्र किए गए ₹ 995 करोड़ सहित) ) है.
जून माह में कुल जीएसटी कलेक्शन ₹ 1.44 लाख करोड़ रुपये थे. हर माह राजस्व में हुई यह वृद्धि दर्शाती है कि पिछले पांच माह में लगातार जीएसटी राजस्व ₹ 1.4 lakh से अधिक रहा है. अप्रैल के महीने में पहली बार जीएसटी राजस्व संग्रह ₹ 1.5 लाख करोड़ के आंकड़े को पार करता हुआ ₹ 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा था. बयान में कहा है, “जुलाई 2022 तक जीएसटी रेवेन्यू में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है जो कि बहुत अधिक उछाल को दर्शाता है.”
पिछले माह जीएसटी को पांच साल पूरे हुए हैं. सरकार ने जीएसटी कराधान प्रणाली के जरिये पारदर्शिता, जवाबदेही, और पूरे देश में एक समान कर लगाने के इरादे से इस व्यवस्था को लागू किया है. देश में GST व्यवस्था को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था और राज्यों को जीएसटी (Compensation to States) एक्ट 2017 के प्रावधानों के अनुसार, जीएसटी के क्रियान्वयन के कारण किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल की अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था. राज्यों को मुआवजा प्रदान करने के लिए कुछ वस्तुओं पर सेस लगाया जा रहा है और सेस की राशि को मुआवजा कोष (Compensation Fund) में जमा किया जा रहा है.
* शर्मनाक : अस्पताल में न इलाज मिला, न शव वाहन; बाइक पर मां की लाश लादकर 80KM ले गए बेटे
* “यह ईश्वरीय दंड है”: संजय राउत की गिरफ्तारी पर बोले बीजेपी नेता
* “बंदूक का जवाब बंदूक से ही देना चाहिए”, तमिलनाडु के राज्यपाल ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
संजय राउत की PMLA कोर्ट में पेशी, भूमि घोटाले में हुई गिरफ्तारी
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)