नई दिल्ली:
आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 31 जुलाई 2022 तक 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) मिले हैं. 72 लाख से अधिक आईटीआर अंतिम तारीख यानी रविवार को ही दाखिल किए गए. अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी कि आयकर रिटर्न का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए दायर रिटर्न की संख्या के लगभग बराबर है. आयकर विभाग ने आईटीआर जमा करने के लिए 31 जुलाई की अंतिम समय सीमा तय की थी.
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें 31 जुलाई के अंत तक लगभग 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न मिले हैं. वास्तविक आंकड़ों को पता लगाने के लिए अंतिम आंकड़ों को मिलाया जा रहा है.” उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान लगभग इतनी ही संख्या में यानी 5.89 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल हुए थे. तब रिटर्न भरने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई थी.
नए नियमों के अनुसार, आंकलन वर्ष 2022-23 के लिए 31 दिसंबर तक आईटीआर दाखिल करने वालों (पांच लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले) को 5,000 रुपये का विलंब शुल्क या जुर्माना देना होगा. वहीं, पांच लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 1000 रुपये के विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा.
वहीं आयकर विभाग ने करदाताओं की तरफ से आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा करने के बाद उसके सत्यापन की समय सीमा को 120 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया है. आयकर विभाग की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि समय सीमा में कटौती का प्रावधान एक अगस्त से ही लागू हो गया है.
आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता को उसका इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक रूप में सत्यापन कराना होता है. अगर तय समय सीमा के भीतर आईटीआर का सत्यापन नहीं कराया जाता है, तो आयकर विभाग उसे अवैध घोषित कर देता है.
विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा, “यह तय किया गया है कि आईटीआर के सत्यापन फॉर्म को जमा करने या उसके ई-सत्यापन की समय सीमा अब रिटर्न दाखिल करने के बाद 30 दिन की होगी.”
अभी तक आईटीआर के ई-सत्यापन या डाक के जरिये भेजे गए आईटीआर-वी फॉर्म को रिटर्न दाखिल करने के 120 दिन के भीतर तक आयकर विभाग के पास भेजा जा सकता था. लेकिन संशोधन के बाद अब इस समय सीमा को 30 दिन कर दिया गया है. विभाग ने कहा कि 30 दिन के भीतर आयकर रिटर्न का सत्यापन नहीं हो पाने पर उसे अवैध माना जाएगा.